लखनऊः अवध बार एसोसिएशन के तत्वावधान में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ कैसरबाग के प्रागंण में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले का अभिनन्दन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, न्यायमूर्ति बी0के0 शुक्ला, वरिष्ठ न्यायमूर्ति श्री ए0पी0 साही सहित अन्य न्यायमूर्तिगण, अधिवक्तागण, अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल दीक्षित, महाधिवक्ता बी0बी0 सिंह व बार के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम में दो मिनट मौन रखकर पूर्व महाधिवक्ता स्व0 उमेश चन्द्रा को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। ज्ञातव्य है कि पूर्व अधिवक्ता उमेश चन्द्रा का आज हृदय गति रूक जाने से निधन हो गया।
राज्यपाल ने अधिवक्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि न्याय दिलाने में न्याय से जुडे़ सभी घटक मिलकर सहयोग करें। वादी न्याय के लिए न्यायालय जाता है। आम आदमी के मन में न्याय के प्रति आदर और श्रद्धा बनी रहे, इसलिए न्यायालयों में त्वरित कार्यवाही होनी चाहिए। वादी को समय पर न्याय मिलना चाहिए, यही न्यायिक सुशासन है। जनता को शीघ्र न्याय मिले इसका समाधान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपति से मिलकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की रिक्तियों की ओर उनका ध्यानाकर्षण करेंगे।
श्री नाईक ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले के परिवार से उनका पुराना संबंध रहा है। उनके पिता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और वे विपक्ष के विधायक। उनके पिता जैसा मुख्यमंत्री राजनीति में मिलना मुश्किल है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले का लम्बा अनुभव है जिसका लाभ उत्तर प्रदेश के न्यायिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करने में निश्चित मिलेगा।
मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले ने अधिवक्ताओं को विश्वास में लेते हुए कहा कि वे स्वयं बार से आये हैं इसलिए अधिवक्ताओं की समस्याओं को भलीभांति समझते हैं। उनका प्रयास होगा कि सहयोग और सहभागिता से समस्याओं का समाधान मिले तथा वादियों को समय पर न्याय उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि न्यायालय में हड़ताल की सजा न्याय पाने वालों को मिलती है। वास्तव में उन्हें सजा मिलती है जिनके लिए न्यायिक प्रक्रिया की स्थापना की गयी है। ऐसे में आत्मावलोकन करने की आवश्यकता है।
इस अवसर पर न्यायमूर्ति डी0के0 शुक्ला, न्यायमूर्ति ए0पी0 साही, अध्यक्ष अवध बार एसोसिएशन श्री विशाल दीक्षित, महाधिवक्ता श्री बी0बी0 सिंह सहित अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखें।
इससे पूर्व राज्यपाल ने मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले को सुबह नाश्ते पर सपरिवार राजभवन में नाश्ते के लिए आमंत्रित किया था।