वेतन विसंगति पर केन्द्र सरकार को घेरेगें कर्मचारीः हरिशरण
लखनऊ। राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ सम्बद्ध सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ एवं भारतीय मजदूर संघ की अखिल भारतीय कार्य समिति की बैठक विश्व संवाद केन्द्र में सम्पन्न हुई। इस बैठक को राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेन्द्र कौरव ओर महामंत्री विपिन डोगरा,सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के प्रभारी सुरेन्द्र ठाकुर ने सम्बोधित किया। बैठक में सातवे वेतन मान की वेतन विसंगतियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए विसंगति दूर करने का आहवान किया गया। इस बैठक का आयोजन उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष हरिशरण मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष आर.के. सिंह भदौरिया ओर प्रान्तीय महामंत्री महेन्द्र कुमार दीक्षित ने सम्बोधित किया। इस दौरान हरिशरण मिश्रा ने कहा कि छठे एवं सातवें वेतन आयोग की संस्तुतियों में भारी विसंगति है जिससे कर्मचारी संवर्ग का अहित हो रहा है। इसके विरोध में राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ और सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ मिलकर 29 अगस्त को नई दिल्ली जन्तर मंतर पर विरोध कर उक्त विसंगतियों को दूर करने की मांग करेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन में उत्तर प्रदेश से अधिकाधिक भागीदारी होगी। उन्होंने बताया कि यह बैठक 28 एवं 29 को होनी थी लेकिन जन्तर मंतर में प्रदर्शन के कारण इसे 27 एवं 28 को पूरा कर लिया गया।
बैठक में राज्य कर्मचारियों की मूलभूत समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए सभी वक्ताओं ने केन्द्र सरकार के प्रति नाराजगी जताई। बैठक की पूर्व संध्या पर सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ के अध्यक्ष के.एन. शर्मा ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार कर्मचारी विरोधी है। वर्तमान सरकार सरकारी कर्मचारियों की जायज मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है। सातवें वेतन आयोग की जो सिफारिश केन्द्र सरकार ने लागू की है वह काफी निराशाजनक है। इसी के विरोध में हम जंतरमंतर पर प्रदर्शन करने जा रहे है। आज की बैठक को राष्ट्रीय राज्य कर्मचारी महासंघ के संगठन मंत्री महेन्द्र जैन और महाराष्ट्र,गुजरात, उड़ीसा, उत्तराखण्ड, पंजाब, छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश, झारखण्ड आदि से आए प्रदेश अध्यक्षों और महामंत्री आदि ने सम्बोधित किया। इस बैठक में केन्द्र एवं राज्य कर्मचारियों के वेतन, एरियर एवं भत्तों में एकरूपता, सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष, सातवे वेतन आयोग की सिफारिशों में व्याप्त वेतन विसंगतियों को दूर करने, कैसलेस सुविधा और छठे वेतन मान की तमाम वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग की गई।