रोमांचक मैच में धोनी सेना एक रन से हारी
लॉडेरहिल। अमेरिकी धरती पर हुए पहले अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच में शनिवार को वेस्टइंडीज ने बेहद रोमांचक मुकाबले में भारत को एक रन से हरा दिया। भारत को क्रिकेट के सभी प्रारूप में सर्वोच्च खिताब दिलाने वाले और कई बार संकटमोचक बनकर उभरे सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (43) शनिवार को भी उसी रूप में नजर आए। धोनी ने एक छोर संभालकर अपने करियर की सबसे उम्दा पारी खेल रहे लोकेश राहुल (नाबाद 110) के साथ 13.10 की औसत से 107 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत के बिल्कुल मुहाने पर पहुंचा दिया।
भारत को आखिरी ओवर में सिर्फ आठ रन चाहिए थे और धोनी तथा राहुल क्रीज पर मौजूद थे तो लग रहा था कि जीत सिर्फ एक कदम दूर है। लेकिन दोनों बल्लेबाज अगले पांच गेंद में छह रन ही जोड़ सके और अब भारत को आखिरी गेंद पर जीत के लिए दो रन चाहिए थे। गेंद का सामना करना था अपने 325वें अंतर्राष्ट्रीय मैच में कप्तानी कर रहे धोनी को, लेकिन इस बार वह कोई करिश्मा नहीं कर सके और आखिरी गेंद पर कैच थमा बैठे।
दूसरी ओर टी-20 क्रिकेट का तीसरा सबसे तेज शतक लगाकर नाबाद खड़े लोकेश राहुल की सारी मेहनत पर पानी फिर गया। टी-20 मैच के इतिहास में दूसरी पारी में सबसे बड़ा स्कोर हासिल करने के बावजूद भारत जीत हासिल नहीं कर सका। सेंट्रल ब्रोवार्ड रिजनल पार्क स्टेडियम में हुए मैच में 246 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम निर्धारित 20 ओवरों में चार विकेट खोकर 244 रन बना सकी।
भारत ने बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए शुरुआत तो तेज की लेकिन अजिंक्य रहाणे (7) और कप्तान विराट कोहली (16) के रूप में भारतीय टीम ने शुरुआत में ही दो विकेट गंवा दिए। हालांकि इसके बाद सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (62) और लोकेश राहुल ने धुआंधार साझेदारी कर अगले 43 गेंदों में 89 रन जोड़ डाले और भारत की उम्मीदों को जिंदा रखा।
रोहित ने इस बीच 22 गेंदों में छक्का जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया। रोहित ने 28 गेंदों में चार चौके और इतने ही छक्के जड़े। इसी तरह एक ऊंची शॉट लगाने के प्रयास में वह जॉनसन चार्ल्स के हाथों लपक लिए गए। रोहित के जाने के बाद भारत के लिए फिर से लक्ष्य बड़ा लगने लगा, लेकिन इस बार लोकेश राहुल ने जिम्मेदारी संभाली और धोनी के साथ 107 रनों की साझेदारी निभाते हुए टीम को जीत के मुहाने पर पहुंचा दिया। राहुल ने 51 गेंदों की अपनी पारी में 12 चौके और पांच छक्के लगाए।
इससे पहले भारत के आमंत्रण पर बल्लेबाजी करने उतरे कैरेबियाई बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर धुनाई कर दी और 245 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। वेस्टइंडीज के लिए जॉनसन चार्ल्स (79) और एविन लुईस (100) ने आतिशी शुरुआत की।
चार्ल्स और लुईस ने किसी भी भारतीय गेंदबाज को नहीं बख्शा और मैदान के चारों ओर बड़े शॉट्स की झड़ी लगा दी। दोनों बल्लेबाजों ने बेहद निडर खेल का नजारा पेश किया और आतिशी बल्लेबाजी के नए कीर्तिमान रच डाले। वेस्टइंडीज ने किसी भी स्तर के टी-20 मैच में पहले 10 ओवरों में सर्वाधिक 132 रन बनाने का रिकॉर्ड कायम किया। कैरेबियाई टीम के पहले 100 रन तो मात्र 46 गेंदों में ही आ चुके थे।
मैच का 11वां ओवर लेकर आए स्टुअर्ट बिन्नी पर पांच छक्के लगाते हुए लुईस ने इस ओवर में 32 रन जोड़ डाले, जो टी-20 में किसी ओवर में दूसरा सर्वाधिक रन रहा। लुईस ने करियर का पहला शतक जड़ने में मात्र 48 गेंदें खेलीं और अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में वह पांचवें सबसे तेज शतकवीर बने। चार्ल्स ने मात्र 33 गेंदों में छह चौके और सात छक्के जड़े, जबकि लुईस ने 49 गेदों का सामना करते हुए पांच चौके और नौ छक्के लगाए।
कैरेबियाई टीम ने अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में सर्वाधिक 19 छक्कों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 21 छक्के लगाए और अंतर्राष्ट्रीय टी-20 में अपना सर्वोच्च स्कोर हासिल किया। हालांकि वह श्रीलंका के 260 रनों के सर्वोच्च स्कोर को नहीं लांघ सके। भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी के ओवरों में थोड़ी रिकवरी की और कैरेबियाई टीम को कई दूसरे अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ने से वंचित रखा। कैरेबियाई टीम आखिरी के पांच ओवरों में सिर्फ 46 रन बना सकी। भारत के लिए रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने दो-दो विकेट हासिल किए, जबकि मोहम्मद समी को एक विकेट मिला। दूसरा टी-20 मैच इसी मैदान पर रविवार को खेला जाएगा।