onion tea करे टाइप-2 डाइविटिज़ को कंट्रोल
वैसे तो हर तरह के चाय के अपने तरह के स्वास्थ्यवर्द्धक गुण होते है जैस, ग्रीन टी, ब्लैक टी या दालचीनी टी आदि। क्या आपने इसके पहले कभी प्याज़ की चाय के बारे में सुना है? ध्वनि शाह, नैचुरोपैथिक न्यूट्रिशनिस्ट और डोन्ट जस्ट फीड…. नरिश योर चाइल्ड लेखिका ने प्याज की चाय के कई गुणों के बारे में हमे विस्तार से बाताया है जिनको जानकर आप आश्चर्य में पड़ जायेंगे।अध्ययन में ये पाया गया है कि कैसर के सेल्स को बढ़ने से रोककर ये कोलोन कैंसर को ठीक करने में सहायता करता है।
प्याज के छिलकों में घुलनशील फाइबर होने के कारण ये कोलोन को साफ रखने में बहुत मदद करता है। ये घुलनशील फाइबर स्किन और आंत से टॉक्सिन को बाहर निकालकर कैंसर सेल्स के उत्पादन को रोकता है। 2011 के अध्ययन के अनुसार प्याज का छिलका ग्लूकोज़ रेसपोन्स को बेहतर करके इन्सूलिन रेजिटेंट को बढ़ाकर टाइप-2 डाइबिटीज़ में राहत दिलाने में सहायता करता है।
प्याज के छिलके को अपने डायट में शामिल करने पर आप इन बीमारियों के राहत पा सकते हैं –
• टाइप-2 डाइबिटीज़
• कार्डियोवसकुलर डिज़ीज
• गैस्ट्रोइंटेसटिनल प्रॉबल्म
• कोलोन कैंसर
• वज़न का बढ़ना
प्याज की चाय बनाने की विधि
• एक प्याज को अच्छी तरह से धो लें। उसके बाद उसके छिलकों को अच्छी तरह से निकाल लें।
• एक ग्लास के जार में छिलकों को रख दें और उसके ऊपर से उबलता हुआ पानी डालकर 15 मिनट के लिए जार को बंद कर दें।
• अब प्याज की चाय को छानकर पी लें।
नोट- ये चाय प्रेगनेंट महिला और दूध पिलानेवाली मां को न दें।