बैकिंग एंव वित्तिय क्षेत्रों मे अपार सभांवनाए मौजूद है: दलजीत रावत
रूद्रपुर। बैकिंग एंव वित्तिय क्षेत्रों मे अपार सभांवनाए मौजूद है। ई बैकिंग, पेमेन्ट बैकिग के माध्यम से तकनिकि ने वित्तिय क्षेत्रों में रोजगार के नये द्वार खोल दिये है। सुनियोजित समय प्रबन्धन और इन्टरव्यु स्किल्स को अपनाकर बैकिग-वित्त क्षेत्र में रोजगार आसानी से हासिल कर सकते है।
उक्त बातें दीन दयाल उपाध्याय कौशल केन्द्र, सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रूद्रपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला “बैकिग एंव वित्तिय क्षेत्र: संभावनाएं एंव चुनौतियो“ में मुख्य वक्ता के रूप में बैंक आफ बडौदा के अवकाश प्राप्त सह महाप्रबन्धन दलजित सिंह रावत ने उद्घाटन सत्र में कहा। उन्होने आगे कहा कि वर्तमान समय में बंैक विभिन्न स्ट्रीमो के स्नातको को सर्वाधिक रोजगार प्रदान कर रहे है। प्रतियोगिता है मस्तिष्क, हाथ और हृदय के समन्वय की। इन्ट्व्यु के अवसाद को कम कर तथा आत्मविश्वास को सुधार कर साक्षात्कार में सफलता पायी जा सकती हैं। उन्होने अच्छे रिज्यूम लिखने, साक्षात्कार की तैयारी और शिष्टाचार, प्रजेन्टेशन स्किल्स और साक्षात्कार के दौरान की जाने वाली गलतियों पर विस्तृत वार्ता किया।
एच पी0 के एच आर मैनेजर कुलदीप सिंह ने कहा कि तकनीकी के विकास ने अपार-सभावनाओं की शुरूआत कर दी है। तकनीकी कुशलता प्राप्त व्यक्ति के पास रोजगार के अधिक विकल्प होते है। तकनिकी ने जहाॅ मानवीय श्रम को कम किया है वही आवश्यकता है तकनीकी का सही दिशा मे प्रयोग की।
दुसरे सत्र में सुन्दरम फाईनेन्स के शाखा प्रबन्धक विकास सिंह ने कहा कि प्राईवेट वित्तिय संस्थान युवाओ के द्वार पर खडे है रोजगार के लिए। सरकारी नौकरी के पीछे समय और धन की बर्बादी अधिक हो रही हैं। निजि वित्तिय क्षेत्रों में कार्य कुशलता के आधार पर रोजगार पाना सरल है।
सुन्दरम फाईनेन्स के सहायक मैनेजर अजय शर्मा ने वित्तिय क्षेत्र में रोजगार के उप्लबध विकल्पों पर वार्ता करते हुए प्रतिभागियों की समस्याओं का समाधान किया।
सेबी के ट्रेनर डा0 हरनाम सिंह ने वित्तिय योजनाओं मे जीवन बीमा का महत्व बताते हुए कहा कि बीमा का सीधा-सा-मतजब सुरक्षा है। इसके बावजूद लोग बीमा पालिसी या तो निवेश के लिए अथवा टैक्स बचाने के लिए खरीदतें है जो कि गलत हैं। आवश्यकता है वित्तिय साक्षरता ही वित्तिय समावेशन के लिए सरकारी योजनाओ के कुशल क्रियानवयन की। वित्तिय भ्रष्ट्राचार से बचा सकती है। अतः इस क्षेत्र की चुनौतियो को पार पाने के लिए वित्तिय साक्षरता समय की माॅग हैं।
कार्यशाला को सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या डा0 लीला मेहरा, कौशल केन्द्र के निदेशक डा0 योगेश कुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष डा0 विनोद कुमार ने सम्बोधित किया। कार्यशाला का संचालन ई0 आकांक्षा गुप्ता ने किया और आभार-ज्ञापन कौशल केन्द्र के अमित कुमार सिंह ने किया। जिसमें प्रमुुख रूप से रूद्र देव चैहान, वेद विश्वकर्मा, विवेक अग्रवाल, मंजू पाण्डेय, हितेश जोशी, सहित प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी से वाले छात्र, एंव कौशल केन्द्र, एंव एन0 एन0 जोशी आई0 टी0 आई0 की छात्र/छात्रांए उपस्थित रही।