लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हौसला पोषण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोगों खासकर महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य व पोषण समाजवादी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके मद्देनजर गर्भवती महिलाओं तथा अतिकुपोषित बच्चों को पौष्टिक आहार देने के लिए समाजवादी सरकार यह फीडिंग कार्यक्रम संचालित कर रही है। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को योजना की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं।
आज यहां यह जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पिछली 15 जुलाई को जनपद श्रावस्ती में गोद लिए गए गांव मोतीपुर कला से मुख्यमंत्री ने इस योजना का शुभारम्भ किया था। हौसला पोषण योजना का संचालन वर्तमान में सभी जनपदों में आरम्भ हो गया है। इसके तहत लगभग 10 लाख गर्भवती महिलाओं तथा लगभग 10 लाख 06 माह से 06 वर्ष आयु के अतिकुपोषित बच्चों को सप्ताह में 06 दिन गर्म पका-पकाया भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। भोजन के साथ प्रत्येक दिन एक मौसमी फल भी दिया जाता है।
गर्भवती महिलाओं को भोजन के साथ आयरन की लाल गोली का सेवन कराया जाता है तथा सप्ताह में तीन दिन पी0सी0डी0एफ0 से आपूर्तित होल मिल्क पाउडर से तैयार दही भी दिया जाता है। अतिकुपोषित बच्चों को प्रतिदिन 20 ग्राम देशी घी के आधार पर महीने में 500 ग्राम देशी घी का पैकेट भी उपलब्ध कराया जाता है। 03 साल से 06 साल के अतिकुपोषित बच्चों के लिए घर पर ग्रहण करने के लिए सायंकालीन आहार की भी व्यवस्था है।
प्रवक्ता ने बताया कि यह योजना प्रदेश के लगभग 01 लाख 80 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में संचालित हो रही है, जिसमें 20 हजार नगरीय केन्द्र भी शामिल हैं। योजना के संचालन का दायित्व ग्राम प्रधान और आंगनबाड़ी कार्यकत्री का है तथा इसके लिए धन आवंटन उनके संयुक्त बैंक खाते में किया जाता है।