यूपी: हाई कोर्ट ने सरकार से पूछी स्थानांतरण नीति
इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीनियर आईएएस अफसर रमारमण के मामले में राज्य सरकार से पूछा है कि तबादले वाले पद पर किसी अधिकारी को कितने लंबे समय तक रखा जा सकता है। कोर्ट ने यह सवाल तब उठाया, जब सुनवाई के दौरान मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश उपाध्याय ने बताया कि स्थानांतरण बोर्ड रमारमण को नोएडा के सीईओ पद से हटाने पर सहमत नहीं है।
चीफ स्टैंडिंग काउंसिल ने कहा कि पांच हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट उनकी देखरेख में चल रहे हैं। इसलिए सरकार उन्हें नोएडा का सीईओ बनाए रखना चाहती है। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ सरकार को ने आईएएस कैडर रूल्स व सर्विस रूल्स के तहत किसी अधिकारी की अथॉरिटी में नियुक्ति अवधि पर जबाव देने का निर्देश दिया। साथ ही स्थानांतरण नीति के तहत तैनाती के नियम बताने को कहा है।
कोर्ट ने कहा कि क्या राज्य में उनके अलावा दूसरा योग्य अफसर नहीं है, जिसे उस पद की जिम्मेदारी सौंपी जाए। यह भी पूछा कि क्या स्थानांतरण नीति के तहत स्थानांतरण वाले पद पर एक अधिकारी को लंबे समय तक तैनात रखा जा सकता है जबकि तीन साल से एक ही जगह नियुक्त कई अधिकारियों को हटा दिया गया। साथ ही सरकार किसी अधिकारी को कितने साल तक प्रतिनियुक्ति पर रख सकती है। सवालों के जवाब के लिए समय मांगे जाने पर कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के लिए 19 अगस्त की तारीख लगा दी।