नई दिल्ली। स्वतंत्रता दिवस पर पतंग उड़ाने का पुराना रिवाज है लेकिन इस बार ये रिवाज जानलेवा साबित हुआ। अकेले दिल्ली में ही इसकी वजह से तीन लोगों की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। मरने वालों में दो बच्चे भी शामिल हैं जिनमें तीन साल की एक मासूम की मांझे से गर्दन कट गई तो एक बच्चा पतंग लूटने के चक्कर में बस से कुचल गया।
दिल्ली के रानीबाग में 15 अगस्त की शाम तीन साल की एक बच्ची की गर्दन पतंग का मांझा लगने से कट गई और उसकी दर्दनाक मौत हो गई। कार में सवार बच्ची परिवार के साथ नारायणा से फिल्म देखकर लौट रही थी। उसने अपना सिर कार की खिड़की से बाहर निकाला तो उसकी गर्दन एक मांझे में फंस गई। इस हादसे में उसकी गर्दन कट गई। माता-पिता उसे भगवान महावीर अस्पताल लेकर गए, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। पुलिस ने इस सिलसिले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है।
पतंग से हुए हादसों का शिकार 19 साल का नौजवान जफर भी हुआ। जफर द्वारका से अपनी बहन के घर से लौट रहा था। रास्ते में एक एलिवेटड रोड से उतरते ही उसका गला पतंग के मांझे में फंस गया और वो गिर गया। इस दौरान उसका सिर डिवाइडर से टकराया जिससे उसे गंभीर चोट आईं। परिवार का आरोप है कि जफर काफी देर तक सड़क पर पड़ा रहा जबकि मौके पर पहुंची पुलिस सीमा विवाद में ही उलझी रही जिससे उसकी जांन चली गई।

साउथ-वेस्ट दिल्ली के सागरपुर में राजीव नाम का एक बच्चा पतंग लूटने के लिए सड़क पार कर रहा था। तभी आरटीवी बस से हुई टक्कर में उसकी मौत हो गई। इस बात से गुस्साई भीड़ ने जमकर पथराव किया। वहीं साउथ वेस्ट दिल्ली के बिंदापुर में छत पर पतंग लूटने के चक्कर में 14 साल का बच्चा हाई टेंशन तार की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया।
चाइनीज मांझे का शिकार दिल्ली के एक सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार भी हुए। आनंद विहार थाने में तैनात मनोज स्वतंत्रता दिवस के दिन पेट्रोलिंग पर थे। शाम करीब 5 बजे वो आनंद विहार के पास ही बुलेट से जा रहे थे। अचानक उनका गला एक मांझे में उलझ गया। जब तक वो कुछ समझ पाते उनका गला लहुलुहान हो चुका था। गनीमत ये रही कि वक्त रहते उनके साथी ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया. जिससे उनकी जान बच गई।