पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित का विवादास्पद बयान

नई दिल्ली: एक तरफ पाकिस्तान में आज़ादी का जश्न मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए गोलाबारी की और मोर्टार भी दागे. इस बीच भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित का एक बयान आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि 'इस साल जश्न-ए-आज़ादी हम कश्मीर की आज़ादी के नाम करते हैं.' बासित ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करने की हमेशा कोशिश की है. बता दें कि आज (रविवार) पाकिस्तान आज़ादी का जश्न मना रहा है.

उधर सीमाओं पर तनाव के बावजूद भी पाकिस्तान आज़ादी दिवस के मोके पर भारतीय रेंजरों को मिठाई और फल देकर आपसी कड़वाहट को काम करने की कोशिश करता दिखाई दिया. दो दिन पहले पाकिस्तान ने भारत को कश्मीर पर वार्ता के लिए न्यौता दिया था – यह निमंत्रण पीएम मोदी के उस बयान के बाद आया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा है. उन्होंने कहा था कि पीओके और बलूचिस्तान में पाकिस्तान की ज्यादतियां बढ़ रही हैं.

बासित के न्यौते पर भारत ने कहा था कि सीमा पार आंतकवाद जैसे प्रासंगिक और समकालीन मुद्दों पर चर्चा करनी है तो स्वागत है. विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि 'अतीत के विपरीत अब हम इस पर सहमति नहीं जता सकते कि आतंकवाद के प्रायोजकों और समर्थकों के साथ बातचीत इस संदर्भ में कार्रवाई के बिना जारी रहनी चाहिए.'

आरएसएस ने जताया विरोध

उधर पाक उच्चायुक्त के कश्मीर पर दिए बयान पर आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कड़ा ऐतराज जताया है। उन्होंने सीधे-सीधे भारत सरकार से अब्दुल बासित को पाकिस्तान भेजने की बात कही है।
राकेश सिन्हा ने कहा है कि अब्दुल बासित ने अपने दिए बयान से साबित कर दिया है कि वह राजदूत नहीं, वह जिहादियों के भारत में प्रतिनिधि हैं। और एेसे प्रतिनिधि को भारत की जमीन पर एक क्षण भी रहने का अधिकार नहीं है। भारत सरकार को बिना-विलंब उन्हें पाकिस्तान वापस भेज देना चाहिए। सिन्हा ने कहा कि हम अगला स्वतंत्रता दिवस पाकिस्तान में तीन जगहों पर मनाएंगे।