लखनऊ: आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसल्मीन के अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को लखनऊ में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी पर तीखे हमले किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समाजवाद नहीं बल्कि एक जाति विशेष का वाद चल रहा है। हर थाने में एक खास जाति के लोग ही थानेदार बने बैठे हैं। सपा कहती है कि हमने दवाखाने खोले मगर इनमें मरीजों और तीमारदारों से रिश्वत मांगी जाती है। जेलों में 30 फीसदी मुसलमान बंद हैं। उन्हें कोई कानूनी मदद नहीं मिल पा रही है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था का आलम यह है कि मथुरा में सरकारी जमीन पर महीनों नाजायज कब्जा रहता है। आजम खां पर हमला बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि बुलंदशहर में मां-बेटी से सामूहिक बलात्कार की घटना को समाजवादी हुकूमत के मिनिस्टर साजिश करार देते हैं।
भाजपा की तिरंगा यात्रा को निशाने पर लेते हुए ओवैसी बोले, हमारे प्रधानमंत्री ने एलान किया कि तिरंगा यात्रा होगी। क्या उन्हें मालूम है कि इस तिरंगे को एक मुसलमान ने बनाया था। आज जिस तिरंगे को भाजपा के लोग हाथों में लिए घूम रहे हैं सावरकर ने कहा था कि यह तिरंगा कभी भी राष्ट्रीय ध्वज नहीं बन सकता। भाजपा के लोग बताएं कि फिर वह लोग क्यों सावरकर की जयंती मनाते हैं?
गोरक्षा के नाम पर दलितों की पिटाई करने वाले आरएसएस के लोग चमड़े का जूता पहनना बंद करें, चमड़े की बेल्ट लगाना बंद करें और इंसुलिन के इंजेक्शन लेना बंद करें क्योंकि वह भी जानवर के लिवर से बनता है। ओवैसी ने कहा कि देश में आतकंवाद की पहली वारदात महात्मा गांधी की हत्या थी।
कांग्रेस पर हमला करते हुए ओवैसी बोले की आजादी से पहले और उसके बाद इस मुल्क के मुसलमानों और दलितों ने अपने बीच से कोई लीडर नहीं चुना बल्कि वह नेहरू, इंदिरा और मनमोहन सिंह को ही अपना नेता मानते रहे मगर कांग्रेस ने दलितों और मुसलमानों को कुछ नहीं दिया।
उन्होंने कहा कि बसपा यूपी में सत्ता में थी तो केन्द्र से 1020 करोड़ रुपये अल्पसंख्यकों के इलाकों के लिए मिले थे मगर इसमें से महज पांच सौ करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। ओवैसी ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह अपने-अपने इलाके में जाकर इन सभी पार्टियों की हकीकत अवाम के सामने बयान करें।