नई दिल्ली: केंद्रीय राज्य मंत्री, आयुश मंत्रालय, श्रीपद नायक ने राज्यसभा ने कहा ‘‘आयुर्वेदिक एंटी-डायबिटिक दवाई, बीजीआर-34, टाईप 2 डायबिटीज़ के इलाज में काफी प्रभावशाली एवं वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है।’’ बीजीआर-34 की प्रभावषीलता के बारे में उठाए गए प्रश्न का जवाब देते हुए श्री नायक ने बताया कि यह दवाई सभी वैज्ञानिक जांचें पूरी कर लेने के बाद बाजार में लाॅन्च कर दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि यह दवाई डायबिटीज़ के मरीज़ के खून में ग्लूकोज़ का स्तर बेहतर बनाने में सफल साबित हुई। यह टेबलेट देश में सभी प्रमुख केमिस्ट काउंटर्स पर उपलब्ध है।

बीजीआर-34 को आईएमएस हेल्थ रैंकिंग में आयुर्वेदिक एंटी-डायबिटिक उत्पाद श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त हुआ। यह भारतीय फार्मास्युटिकल्स बाजार में नए लाॅन्च किए गए उत्पादों पर किए गए सर्वे में सर्वोच्च छः ब्रांडों में अपनी जगह बनाने में सफल रही।

एंटी-डायबिटिक दवाई बीजीआर-34 लगभग 9 महीनों से बाजार में है। इसे विकसित एवं प्रभावशीलता और सुरक्षा के लिए प्रमाणीकृत ‘नेशनल बाॅटेनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई)’ एवं ‘सेंट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिसिनल एण्ड एरोमेटिक प्लांट्स (सीआईएमएपी)’ के वैज्ञानिकों ने किया है। इसका निर्माण एवं मार्केटिंग एमिल फार्मास्युटिकल्स (आई) लिमिटेड करती है।

एमिल फार्मास्युटिकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, के. के. शर्मा ने कहा, ‘‘बीजीआर-34 की प्रभावशीलता पर श्री नायक का बयान इस दवाई में मरीजों के विश्वास को बढ़ाएगा। पूरे देश में फैले मजबूत मार्केटिंग वितरण नेटवर्क के साथ, एमिल इस जनोपयोगी शोध के बेहतरीन फायदे पूरे देश एवं विदेशो में इस बीमारी से पीड़ित लोगों तक पहुंचाने के लिए समर्पित है, ताकि वो इस चुनौतीपूर्ण बीमारी का सामना करके अच्छी गुणवत्ता का एवं स्वस्थ जीवनयापन कर सकें।’’

बीजीआर-34 पर पिछले एक साल से कई लाॅन्च पूर्व अध्ययन किए गए, जिसमें देखा गया कि प्रि-डायबिटिक या माईल्ड स्थितियों में मोनोथेरेपी के रूप में लेने पर इस दवाई ने खून में ग्लूकोज़ होमियोस्टेसिस की स्थिति का प्रभावशाली नियंत्रण किया। क्रोनिक और गंभीर स्थितियों में यह सिंथेटिक एंटीडायबिटिक्स के साथ साथ दी जा सकती है। बीजीआर-34 डायबिटीज़ के मरीजों को लाभ के लिए हीपेटोप्रोटेक्टिव, नेफ्रोप्रोटेक्टिव एवं डिस्लिपडेमिक गतिविधियां प्रदान करती है।
प्रतिष्ठित सरकारी एवं मेडिकल संस्थानों जैसे आरएमएल हाॅस्पिटल, स्वामी दयानंद हाॅस्पिटल, हिंदू राव हाॅस्पिटल आदि के विषेशज्ञ डाॅक्टरों और डाॅ. रमेश कौशिक, राष्ट्रपति भवन; डाॅ. बी. पी. गुप्ता, मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट, अग्रवाल हाॅस्पिटल; डाॅ. के. नवल मंडोरा; डाॅ. सुनील कोहले आदि ने टाईप 2 डायबिटीज़ के लिए बीजीआर-34 के फायदेमंद होने की पुष्टि की। हर्बल दवाईयों के बारे में श्री नायक ने बताया कि अन्य हर्बल दवाईयों के विकास एवं प्रमाणन के लिए शोध चल रहा है, जिनके द्वारा 30 से अधिक चुनौतीपूर्ण बीमारियों जैसे कैंसर, मलेरिया, साईकियाट्रिक और त्वचा की बीमारियों आदि का इलाज किया जाएगा।