मेरी सरकार ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’’ के मंत्र में भरोसा रखती है
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर स्थिति को लेकर आज कहा कि लोकतंत्र में मुद्दे सुलझाने के लिए बातचीत सहित कई रास्ते हैं। कश्मीर शांति चाहता है विकास चाहता है और कश्मीर की बेहतरी के लिए जो हो सकता है करेंगे।
मध्यप्रदेश के अलीरजापुर में पीएम मोदी ने शांति और सौहार्द की अपील की और युवाओं से इसे (कश्मीर को) पृथ्वी पर ‘जन्नत’ बनाने को कहा। मोदी ने कहा, मेरी सरकार अटल बिहारी वाजपेयी के ‘इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत’’ के मंत्र में भरोसा रखती है। उन्होंने अलगाववादियों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि कश्मीर के युवकों के हाथों में किताब होनी चाहिए लेकिन उनकी हाथों में पत्थर है। मोदी ने कहा कि कश्मीरियों को भी भारत के अन्य हिस्सों के लोगों की तरह आजादी प्राप्त है। यह देखना बहुत दुखदायी है कि जिन युवाओं के पास लैपटाप, क्रिकेट गेंद होनी चाहिए, उन्हें पत्थर थमा दिये गये। उन्होंने कहा कि भारतीय कश्मीर से प्यार करते हैं लेकिन कुछ ऐसे तत्व हैं जो ‘कश्मीरियत’ की महान परंपरा को चोट पहुंचा रहे हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आदिवासी बहुल आलीराजपुर जिले में स्थित चंद्रशेखर आजाद के जन्मस्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने क्रांतिकारी नेता आजाद को श्रद्धांजलि अर्पित की। मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि आजाद के जन्मस्थान पर आने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं। आजाद का जन्म स्थान, जिसे ‘आजाद कुटिया’ कहा जाता है, वहां प्रधानमंत्री ने आजाद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। क्रांतिकारी नेता की स्मृति में भाजपा सरकार ने भाबरा का नाम बदलकर चंद्रशेखर आजाद नगर कर दिया है।आजाद के जीवन पर आधारित प्रदर्शनी को देखने पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे। बाद में मोदी इस मौके पर ‘जरा याद करो कुर्बानी’ अभियान की शुरूआत करेंगे ।