रियो डि जेनेरो: ओलिंपिक के तीसरे दिन कई ध्यान आकर्षित करने वाली घटनाएं हुईं. जहां रफेला सिल्वा मेजबान ब्राजील की पहली गोल्ड मेडल विजेता बनीं, वहीं अमेरिका की तलवारबाज इब्तिहाज मोहम्मद ने हिजाब पहनकर प्रतियोगिता में भाग लेकर इतिहास रचा दिया. वह हिजाब पहनकर हिस्सा लेने वाली अमेरिका की पहली महिला खिलाड़ी हो गई हैं.

अमेरिका की अश्वेत मुस्लिम खिलाड़ी इब्तिहाज मोहम्मद ने महिलाओं की तलवारबाजी प्रतियोगिता में स्कार्फ पहनकर हिस्सा लिया और अपने पहले मुकाबले में जीत भी हासिल की. न्यूजर्सी की रहने वाली इस एथलीट ने तलवारबाजी शौक के रूप में शुरू की थी, क्योंकि उन्हें अपने धर्म के हिसाब से अपनी ड्रेस पहननी पड़ती थी, जो उनके लिए मुश्किल था. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और ओलिंपिक तक का सफर तय कर लिया.

सोमवार रात को अमेरिका की लिली किंग ने 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी में रूस की यूलिया एफिमोवा को पूछे छोड़ते हुए गोल्ड जीता, अमेरिका की पुरुष बास्केटबॉल टीम ने धीमा शुरुआत के बाद मैच में पकड़ बनाई और वेनेजुएला को 113-69 से हरा दिया, वहीं अमेरिकी स्टार टेनिस खिलाड़ी और पिछले ओलिंपिक टेनिस की गोल्ड मेडल विजेता सेरेना विलियम्स फ्रांस की एलीज कॉर्नेट को काफी संघर्ष के बाद 7-6 (5) और 6-2 से हारने में कामयाब हुईं.
सोमवार को ही ब्राजील के स्लम एरिया में पली-बढ़ीं राफेल सिल्वा ने मेजबान देश के लिए पहला गोल्ड जीता, तो उनकी आंखों में आंसू थे, सिर्फ राफेल क्यों वहां पर मौजूद ब्राज़ील के हर दर्शक की आंखों में आंसू थे. यह कोई छोटी जीत नहीं थी, बल्कि इस जीत ने कई लोगों को छोटा कर दिया था, जो राफेल को लेकर टिप्पणी कर रहे थे. उनके रंग और समुदाय को लेकर मज़ाक उड़ा रहे थे. महज यह जीत सिर्फ एक गोल्ड मेडल की नहीं है, बल्कि यह ब्राज़ील के उस वंचित समुदाय की जीत है, जो कई सालों से संघर्ष कर रहा है. उन्होंने जूडो के 57 किग्रा वर्ग में गोल्ड हासिल किया.

इसने मेजबान ब्राजील के उस जख्म पर मरहम लगाया, जो उसकी फुटबॉल टीम के ओलिंपिक से शुरुआती दौर में ही बाहर हो जाने के बाद लगा था. हालांकि ब्राजील के फैन्स केवल अपनी फुटबॉल टीम की ही आलोचना नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह जीका वायरस के डर से ओलिंपिक में नहीं आने वाले अमेरिकी खिलाड़ियों को लेकर भी उनका मजाक उड़ा रहे हैं.