क़ुरआन की अस्मिता से समझौता नहीं: क़ादरी
हज़ारों मुसलमानों ने किया केजरीवाल का घेराव, माफ़ी मांगने की मांग
नई दिल्ली: ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम के बैनर तले शुक्रवार को हज़ारों मुसलमानों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव कर उनसे माफ़ी तलब की। तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम मुख्यमंत्री से आम आदमी पार्टी के दिल्ली के महरौली सीट से विधायक नरेश यादव द्वारा पवित्र क़ुरआन के अपमान पर माफ़ी की माँग और यादव के पार्टी से निष्कासन की माँग कर रहे हैं।
नई दिल्ली के शास्त्री पार्क से मुख्यमंत्री निवास तक हज़ारों मुसलमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरोध में नारे लगाते हुए उनके आवास तक पहुँचे। जुमे की नमाज़ के बाद तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम के संस्थापक अध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी की अगुवाई में हज़ारो मुसमलानों ने प्रदर्शन किया। आम आदमी पार्टी ने महरौली विधायक नरेश यादव औऱ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे मुसलमान यादव की उस हरकत से नाराज़ हैं जिसमें उसने पवित्र क़ुरआन का अपमान किया था।
दिल्ली के हर इलाक़े से पहुँचे लोगों ने शास्त्री पार्क की क़ादरी मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद योजनाबद्ध तरीक़े से तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम की अगुवाई में दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर की तरफ़ कूच किया। मुसलमान ‘केजरीवाल शर्म करो’, ‘जब तक नहीं माफ़ी, बात नहीं काफ़ी’ और ‘केजरीवाल मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे।
मुख्यमंत्री आवास के घेराव के दौरान अपने समर्थकों से तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम के अध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती सैयद अशफ़ाक़ हुसैन क़ादरी ने कहाकि मुसलमान किसी भी हालत में अपनी पवित्र पुस्तक क़ुरआन का अपमान नहीं सहन कर सकता। क़ादरी ने कहाकि उन्हें आम आदमी पार्टी या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ऐसे किसी भी बहाने में कोई दिलचस्पी नहीं है जिसमें वह यह मानने को तैयार नहीं हैं कि पार्टी विधायक ने क़ुरआन का अपमान नहीं किया है। यह मुसलमानों से बड़ी इस्लाम की अस्मिता का प्रश्न है। क़ादरी ने कहाकि जब तक अरविंद केजरीवाल माफ़ी नहीं माँगते हैं, तब तक उनका क्रमबद्ध आंदोलन जारी रहेगा ताकि ख़ासकर दिल्ली के मुसलमानों को बताया जा सके कि अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के दिलों में इस्लाम और मुसलमानों के सम्मान की कितनी जगह है।
तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम के महासचिव ने कहाकि तंज़ीम उलामा-ए-इस्लाम को आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की माफ़ी ही नहीं, बल्कि महरौली सीट से विधायक नरेश यादव के इस्तीफ़े की भी माँग करती है। उन्होंने कहाकि हमारा मानना है कि यादव ने मलेरकोटला में जानबूझ कर यह हरकत की ताकि मुसलमानों के ख़िलाफ़ ध्रुवीकरण कर वह अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी के वोट तोड़ सके। लेकिन वह भूल गए कि क़ुरआन के अपमान को मुसमलान कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।
आलाहजरत यूथ व्रिगेड के मौलाना इफ्तिखार हुसैन ने कहाकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नहीं भूलना चाहिए कि पिछले विधानसभा चुनाव में अगर मुसलमान खुलकर सामने नहीं आता तो आम आदमी पार्टी को नहीं जिता सकता था। लेकिन अब लगता है कि सत्ता के नशे में चूर केजरीवाल भी दक्षिणपंथी एजेंडे पर उतर आए हैं और मुसलमानों को अंगूठा दिखाकर घमंड का नंगा नाच कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि इसका जवाब पंजाब के विधानसभा चुनाव में दिया जाएगा।
दरबारे अह्ले सुन्नत दिल्ली के मौलाना सय्यद जावेद नक्शबंदी ने कहाकि जिस घिनौनी राजनीति के बल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारतीय जनता पार्टी की मदद करती है, उसी नीति पर कमोबेश आम आदमी पार्टी भी चल रही है। जैसे ही मुसमलानों की बात आती है, केजरीवाल और उनकी पार्टी काफ़ी सतर्क हो जाते हैं। केजरीवाल मुसलमानों को सिर्फ़ इस्तेमाल की चीज़ समझते हैं। अगर ऐसा नहीं है तो केजरीवाल हमें ग़लत साबित करे। अगर केजरीवाल अपने विधायक नरेश यादव के साथ माफ़ी नही माँगते हैं तो, पंजाब विधानसभा चुनाव में इसका जवाब दिया जाएगा।
क्या था मामला?
पिछली 24 जून को पंजाब के मलेरकोटला में विजय नाम के शख़्स ने पवित्र क़ुरआन की प्रति को क्षति पहुँचाई और कहा था कि आम आदमी पार्टी के दिल्ली की महरौली सीट से विधायक नरेश यादव के कहने पर उसने ऐसा किया। विजय के बयान के बाद यादव को भी भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए यानी नफ़रत फैलाने के उद्देश्य और 295 यानी अपमान की नीयत से धार्मिक चिन्हों या पूजा स्थलों को नुक़सान पहुँचाने के तहत गिरफ़्तार कर लिया गया था। बाद में यादव को अदालत से ज़मानत मिल गई लेकिन अब तक ना तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे पर माफ़ी माँगी है और ना ही अपनी पार्टी के विधायक को इस पर क्षमा माँगने को कहा है। दिल्ली और भारत का मुसलमान जानना चाहता है कि क्या वह नरेश यादव के कुकृत्य के साथ है और अगर ऐसा है तो मुसलमान आम आदमी पार्टी पर किए गए अपने विश्वास के साथ धोखे पर हतप्रभ है। इतना ही नहीं पार्टी के पंजाब प्रभारी संजय सिंह लगातार नरेश यादव को बचा रहे हैं और उनके पाप का दोष पंजाब की अकाली सरकार पर मढ़ रहे हैं।