दलितों को सत्ता की चाभी बनने का किया आह्वान

अहमदाबाद। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीम मायावती आज अहमदाबाद पहुंचीं और केंद्र और गुजरात सरकार पर जमकर हमला बोला। मायावती ने ऊना कांड के बहाने सरकार को घेरा और इसे दलितों के उत्पीड़न का चरम बताया। मायावती का ऊना जाने का कार्यक्रम था और रास्ते में उन्होंने अहमदाबाद में लोगों को संबोधित किया और राजनीतिक सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेने को कहा।
मायावती ने कहा कि गौ रक्षा के नाम पर दलितों का उत्पीड़न और शोषण किया है इसके प्रति अपना गुस्सा ज़ाहिर करने के लिए हम यहां आए हैं। मैं यहां कोई जनसभा करने नही आई हूं, जब मुझे पता चला कि 11 जुलाई को गौ रक्षा के नाम पर कुछ दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ, उनके हाथ बांध कर लाइन से खड़ा करके पीटा गया, उनके कमर के ज़ख्म साफ दिखाई दे रहे थे, जब कुछ चैनल ने सीधा ये सब दिखाया कि किस तरह उनकी कमर पर मारा जा रहा था, मुझे लग रहा था कि मेरी कमर पर कोई मार रहा है। मैने प्रेस नोट जारी कर जांच की मांग की थी। यहां की सरकार और विपक्ष दोनों ने इस घटना के बारे में कुछ नहीं किया और मैंने 18 तारीख को संसद को नहीं चलने दिया और मुद्दा उठाया, तब सरकार हरकत में आई।
मायावती ने कहा कि जब मैंने कहा कि मैं ऊना जाउंगी तब सरकार ने यूपी में एक नेता द्वारा मेरे खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करके साजिश के तहत गुजरात आने से रोका। मैं ऊना नहीं आ सकी, मैं उलझ गई। थोड़े समय बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ तब मैं यहां आई। मैं यहां आऊ उससे पहले पीड़ितों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। उनकी स्थिति ख़राब हुई तब अहमदाबाद लाया गया। पूरे देश में दलितों का उत्पीड़न हो रहा है। अंग्रेज देश छोड़कर गए, सारी सरकारों ने आपको मान सम्मान की जिंदगी जीने का मौक़ा नहीं दिया।
आप चाहते हैं कि सरकार को दंड देना चाहते हैं तो सबको संगठित करके राजनितिक सत्ता की मास्टर की अपने हाथों में लें। दलितों के साथ आदिवासी मिल जाएं, अपर क्लास के गरीब मिल जाएं तो अपने आप में एक बड़ी ताकत बन सकती है। प्रधानमंत्री गुजरात से हैं, वह सबका साथ सबका विकास की बात करते हैं, लेकिन सिर्फ पूंजीवादियों का विकास ही हुआ है। ऊना से सबक सीखकर क्या करना है पॉलिटिकल मास्टर की अपने हाथ लेना है। अगर पीड़ितों का इलाज सही नहीं हो रहा तो मैं मुद्दा संसद मैं उठाऊंगी।