बुलंदशहर गैंगरेप पर सियासत तेज़
सरकार और विपक्ष में बयानबाजी तेज़
लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले बुलंदशहर के नजदीक हाईवे पर एक महिला और उसकी बेटी के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने अब जबर्दस्त सियासी रंग ले लिया है.
शु्क्रवार रात हुई इस हृदयविदारक घटना के पीड़ितों से मिलने बीजेपी नेताओं का एक ग्रुप गाजियाबाद पहुंचा. इस बीच यूपी के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खान ने मामले को विपक्ष की साजिश बताकर नया विवाद खड़ा कर दिया है. अपने बयानों के कारण जब-तब विवादों को जन्म देने वाले आजम ने कहा, 'हमें इस बात की जांच करने की जरूरत है कि इसके पीछे सरकार की छवि खराब करने की विपक्षियों की साजिश तो नहीं है.'
उन्होंने कहा, 'वोट के लिए लोग किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं. जब मुजफ्फरनगर हो सकता है, शामली और कैराना….तो यह क्यों नहीं. सत्ता के लिए राजनेता लोगों का मर्डर कर सकते हैं, दंगे भड़का सकते हैं, निर्दोष लोगों की जान ले सकते हैं. ऐसे में सच्चाई का पता लगाया जाना चाहिए.'
बीजेपी प्रवक्ता ने इस बयान पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, 'यदि आपमें जरा-सी भी मानवता है, तो आरोपियों का पता लगवाइए और उन्हें गिरफ्तार करवाइए.' पार्टी ने इस घटना की सीबीआई जांच की भी मांग की है. बुलंदशहर की घटना के बाद अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी सरकार विपक्ष के निशाने पर है. राज्य में कानून-व्यवस्था को संभालने में नाकामी का आरोप लगाने हुए विपक्षी दलों ने सीएम के इस्तीफे की मांग की है.
गौरतलब है कि महिला और उसकी बेटी शुक्रवार रात अपने परिवार के साथ शाहजहांपुर से आ रही थीं. बुलंदशहर में एंट्री करते ही किसी ने उनकी कार को लोहे की रॉड से पीटना शुरू कर दिया. जैसे ही चालक ने गाड़ी रोकी, वैसे ही बंदूक की नोक पर बदमाश उन्हें बंधक बनाकर ले गए. बुलंदशहर के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिवार के साथ लूटपाट की गई. पुरुष को बांध दिया गया. बदमाश 35 साल की महिला और उसकी बेटी को दूर तक घसीटकर ले गए और उनके साथ तीन घंटे तक गैंगरेप किया. काफी समय बाद करीब 5.30 मिनट पर इन्हें पुलिस ने ढूंढा.