‘वॉटर विद दलित’ अभियान में दलित का जूठा पानी पीएंगे मुसलमान
नई दिल्ली, 31 जुलाई। मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे और अंतिम दिन इस बात पर सहमति बनाई गई कि चुनाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश में संगठन को काफ़ी सतर्कता बरतनी होगी ताकि जो लोग साम्प्रदायिक आधार पर बँटवारा कर अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करना चाहते हैं उसके मंसूबे कामयाब ना हों। दूसरे दिन की बैठक में सभी राज्यों से आए छात्र प्रतिनिधियों ने एक स्वर में यह स्वीकार किया कि पूरे देश में दलित और मुसलमान के ख़िलाफ़ योजनाबद्ध तरीक़े से कार्य किया जा रहा है जिसके जवाब में एमएसओ दलित भाई बहनों के साथ मिलकर समाज को आगे बढ़ाएंगे।
एमएसओ के राष्ट्रीय महासचिव शुजात अली क़ादरी ने कहाकि दलितों के साथ मिलकर चलने की योजना के तहत मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया के छात्र ‘वॉटर विद दलित’ अभियान की शुरूआत कर रहे हैं जिसमें वह दलित का जूठा पानी पीकर दलित समाज के प्रति अपने भाईचारे को प्रकट करेंगे। साथ ही इस अभियान को सोशल मीडिया पर भी चलाया जाएगा।
दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि एमएसओ की राज्यों यूनिटों के सभी प्रतिनिधियों ने मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन के अधिवेशन के अंतिम दिन उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान मुस्लिम विद्यार्थियों को सतर्क रहने और साम्प्रदायिक आधार पर समाज को बँटने से रोकने की हिदायत दी गई। क़ादरी ने कहाकि इसके अलावा यही निर्देश पंजाब, गोवा और उन सभी राज्यों की यूनिटों को दिए गए जहाँ जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
‘वॉटर विद दलित’ क्रांतिकारी प्रयोग- क़ादरी
मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ के राष्ट्रीय महासचिव शुजात अली क़ादरी ने बहुत क्रांतिकारी आइडिया रखते हुए बताया कि एमएसओ ‘वॉटर विद दलित’ अभियान की आज से शुरूआत करने जा रही है जिसमें हम दलितों के पास जाकर उनका जूठा पानी पिएंगे। क़ादरी ने कहाकि दरअसल दलितों और मुसलमानों पर अत्याचार की जिस नीति पर सरकार और उनके समर्थक कर रहे हैं उसका प्रतिरोध एकता से ही किया जा सकता है। इसके तहत एमएसओ हर शहर-गाँव में दलित बस्तियों में जाकर दलितों का जूठा पानी पीने का अभियान शुरू कर रहे हैं। इस अभियान की वीडियो भी बनाए जाएंगे जिन्हें सोशल मीडिया पर ‘वॉटर विद दलित’ के नाम पर प्रसारित कर हम ना सिर्फ़ दलितों के प्रति भाईचारे और इस्लाम के ‘एक आदम की संतान’ के संदेश को मज़बूत करेंगे बल्कि हम गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश और देश के दूसरे राज्यों में दलितों पर संघपरस्त हिन्दू दक्षिणपंथियों के मंसूबों को मुँहतोड़ जवाब देंगे। शुजात अली क़ादरी ने विश्वास जताया कि पूरे भारत में क़रीब 10 हज़ार एमएसओ के सूफ़ी मुस्लिम विद्यार्थी दलितों को जूठा पानी पीकर ‘वॉटर विद दलित’ अभियान को कामयाब करेंगे और यह क्रम उत्तर प्रदेश में चुनाव तक चलता रहेगा ताकि जिस प्रकार आज़मगढ़ में मुसलमानों और दलितों के बीच ग़लतफ़हमी पैदा की गई, ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
पश्चिम बंगाल यूनिट के इमरान रजवी ने संगठन के महासचिव शुजात अली क़ादरी के ‘वॉटर विद दलित’ अभियान को शानदार और क्रांतिकारी आइडिया बताते हुए इस पर फ़ौरन अमल करने की सलाह दी। उन्होंने कहाकि इस्लामी मान्यता अनुसार सब बाबा आदम की संतान है और इस आधार पर जाति और धर्म के आधार पर मानव के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता लेकिन यह भी सत्य है कि समाज में यह भावना है। इसे समाप्त कर दलितों के साथ भाईचारा जताने के लिए शुजात अली क़ादरी ने जिस ‘वॉटर विद दलित’ अभियान का आइडिया दिया है वह भारत, मुसलमान, दलित, इस्लाम और समाज के हित में है।
गुजरात प्रदेश की एमएसओ कार्यकर्ता अब्दुल कादिर हमदानी ने कहाकि बेशक भारत और पाकिस्तान के बँटवारे के बाद जो मुसलमान भारत में रुक गए उन्हें नहीं मालूम था कि भारत का संविधान कैसा होगा। लेकिन चूँकि मुसलमान जानते थे कि जिस संविधान की ज़िम्मेदारी बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के हाथों में है, वहाँ उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता अवश्य मिलेगी। मुसलमानों की उम्मीद को ही नहीं बल्कि देश के सभी अल्पसंख्यकों की उम्मीदों को बाबासाहेब ने पूरा किया। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान साम्प्रदायिक आधार पर बना एक देश था जो फेल हो गया लेकिन बाबासाहेब के आइडिया पर भारत धर्म निरपेक्ष राज्य बना जिसमें दी गई धार्मिक स्वतंत्रता पर हमें गर्व है।
मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे, दलित के साथ मिलकर कार्य करने के अलावा नौकरियो में आरक्षण, बढ़ता हुआ कट्टरवाद और जाकिर नाईक और वहाबी संस्थाओ पर प्रतिबंध लगाने आदि मुद्दों पर भी चर्चा की।dalit