एएमयू के चरित्र को बचाने के लिए एमएसओ की मुहिम
एमएसओ का राष्ट्रीय अधिवेशन आज से
नई दिल्ली। मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इंडिया यानी एमएसओ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन शनिवार से दिल्ली में शुरू होगा जिसमें संगठन के सभी राज्यों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। एमएसओ अपने अधिवेशन में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कार्य कर रहा है।
एमएसओ के राष्ट्रीय महासचिव शुजात अली क़ादरी ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया कि एमएसओ की राज्यों युनिटों के सभी प्रतिनिधि दो दिन चलने वाले मुस्लिम स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइज़ेशन के अधिवेशन में अपनी राय रखेंगे जिसमें सबसे प्रमुख मुद्दा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे का होगा। कादरी ने बताया कि अदालत में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे पर बहस चल रही है जिसके लिए केन्द्र सरकार ने निर्णय लिया है कि वह उस याचिका को चुनौती नहीं देगी जिसमें एएमयू के माइनोरिटी दर्जे को समाप्त करने की अपील की गई है। क़ादरी ने कहाकि वह भारतीय जनता पार्टी के इस रुख़ से हतप्रभ हैं। उनका मानना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रभाव में नरेन्द्र मोदी सरकार एएमयू में मुसलमानों विद्यार्थियों और भर्ती में मुस्लिम उम्मीदवारों को मिलने वाले विशेषाधिकारों का हनन करना चाहती है जबकि संविधान और सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णयों के आधार पर मुस्लिम समुदाय को बाक़ी अल्पसंख्यकों की तरह अपने शैक्षणिक संस्थान बनाने, अपने पाठ्यक्रम अनुसार शिक्षा ग्रहण करने और उसे संचालित करने का अधिकार देता है। इतना ही नहीं अल्पसंख्यक संस्थान पर शिक्षा का अधिकार जैसा क़ानून भी लागू नहीं होता लेकिन भारतीय जनता पार्टी की बदनीयत सरकार मुस्लिम संस्थाओं को सामान्यीकरण कर समुदाय के हक़ को छीनना चाहती है जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा। क़ादरी ने कहाकि एएमयू के बाद मोदी सरकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया, मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू विश्वविद्यालय और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यक संस्थानों को मुसलमानों से छीनकर साम्प्रदायिक बंटवारा कर अपने वोट बैंक को यह संदेश देना चाहती है कि वह भारत के हिन्दूकरण की नीति पर कार्य कर रही है। एमएसओ के इसके ख़िलाफ़ ना सिर्फ़ सड़कों पर आएगी बल्कि अदालत में भी इसको चुनौती दी जाएगी।
पहले दिन का कार्यक्रम दिल्ली के आईटीओ के नारायण दत्त तिवारी सभागार में दोपहर 2 बजे से शुरू होगा जबकि दूसरे दिन का अधिवेशन हज़रत निजामुद्दीन वेस्ट में होगा।