यूपी भाजपा-आरएसएस के फासीवादी परियोजना की नयी प्रयोगशाला है: CPI-ML
देश का भविष्य आरएसएस नहीं भगत सिंह और अम्बेडकर के वारिस तय करेगें : दीपंकर भट्टाचार्य
लखनऊ । भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार और आरएसएस के संयुक्त फासीवादी हमले के खिलाफ जनता का प्रतिरोध देश
के हर हिस्से में खड़ा हो रहा है। छात्रों-नौजवानों, महिलाओं, किसानों, मजदूरों, दलितों के आंदोलन का एक जबर्दस्त उभार पैदा हुआ है। भाकपा (माले) इस जनउभार की अगुवाई करेगी और इसे सही दिशा में ले जाने का प्रयास करेगी।
श्री भट्टाचार्य आज अमीनाबाद स्थित गंगा प्रसाद वर्मा मेमोरियल हाल में भाकपा (माले) के राज्य स्तरीय कैडर कन्वेंशन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा-आरएसएस के फासीवादी परियोजना की नयी प्रयोगशाला है। लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी सफलता से उत्साहित होकर वह उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक फासीवादी एजेंडे को लागू कर विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती है, लेकिन हम यूपी के विधानसभा चुनाव को प्रतिरोध का चुनाव बना देंगे और उसको शिकस्त देंगे।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और आरएसएस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की अपनी परियोजना पर काम कर रही है। इसके जरिए वह देश को गुलामी के नए दौर में धकेलना
चाहते हैं। गुलामी का यह नया दौर एक तरफ आर्थिक मोर्चे पर होगा तो दूसरा सामाजिक-सांस्कृतिक स्तर पर। आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका और देशी-विदेशी कम्पनियों का कम्पनी राज बनाने की कोशिश हो रही है, तो सामाजिक-सांस्कृतिक स्तर पर भूगोल से लेकर इतिहास तक और लोगों के सोचने, बोलने, खाने, पहनने पर अपनी पिछड़ी सोच थोपने की कोशिश की जा रही है। यही कारण है कि गुजरात से लेकर झारखंड, यूपी, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश आदि राज्यों में दलितों और अल्पसंख्यकों पर हमले किए जा रहे हैं, लेकिन जनता इनके हमलों से भयभीत नहीं है और मुखर होकर प्रतिरोध कर रही है। जनता के इस उभार को भाकपा (माले) क्रांतिकारी दिशा देने का कार्य करेगी। माले के महासचिव ने कहा कि भाजपा-आरएएसएस के फासीवादी हमले को हर मोर्चे पर शिकस्त देना है। हम देश का भविष्य आरएसएस को तय नहीं करने देंगे। देश का भविष्य
भगत सिंह और अम्बेडकर के वारिस तय करेंगें। उन्होंने कहा कि भाकपा (माले) आरएसएस के वैचारिक हमले का जवाब देने के लिए पूरे देश में ‘ उठो मेरे देश ‘ अभियान चला रही है। हम इस अभियान को गांव-गांव ले जाएंगे और लोगों को गोलबंद करेंगे। हम इस अभियान के जरिए लोगों को बता रहे हैं कि जो आरएसएस देश की आजादी
का दुश्मना था और जिसे संविधान और तिरंगा स्वीकार नहीं था, वह आज कभी देशभक्ति तो कभी गोरक्षा और कभी कश्मीर के नाम पर देश में उन्माद पैदा करने की कोशिश कर रहा है, जिसे हमें सफल नहीं होने देना है। उन्होंने दो सितम्बर को मजदूर संगठनों की हड़ताल का समर्थन करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से इसे सफल बनाने का आह्वान किया। उन्होंने देश में क्रान्तिकारी आंदोलन को आगे ले जाने के लिए वैचारिक संघर्ष और धारावाहिक आंदोलन तेज करने तथा संगठन को मजबूत करने पर बल दिया।
कन्वेंशन में उठो मेरे देश अभियान, किसानों, खेतिहर मजदूरों में पार्टी के कामकाज व आंदोलन तथा विधानसभा चुनाव पर विस्तार से चर्चा हुई और इस पर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने अपनी बात रखी। कन्वेंशन को पार्टी के राज्य सचिव कामरेड रामजी राय, सेन्ट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर यादव, मो. सलीम, ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, कृष्णा अधिकारी, श्रीराम चैधरी, ओम प्रकाश सिंह, राजेश साहनी, शशिकांत कुशवाहा, सुनील कुमार मौर्य, पूजा आदि ने सम्बोधित किया।