नए वेज बोर्ड के लिए होगा आंदोलन
लखनऊ: कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ न्यूज़पेपर एंड न्यूज़ एजेंसी एम्प्लाइज यूनियंस के झंडे तले नए वेज बोर्ड के गठन, पत्रकारों की सुरक्षा और मजीठिया वेतनमान को सभी समाचार पत्रों एवं संवाद समितियों में लागू कराने के लिए दिल्ली में शीघ्र ही एक विशाल रैली आयोजित की जायगी। यह निर्णय सर्व सम्मति से कल पी.टी.आई. फेडरेशन के दफ्तर में हुई कॉन्फ़ेडरेशन की बैठक में लिया गया। पूरे देश के पत्रकारों एवं गैर-पत्रकारों से आह्वान किया गया है कि वे इस रैली में शामिल हों। रैली कि तिथि कॉन्फ़ेडरेशन के अन्य नेताओं से विचार-विमर्श के बाद सूचित की जाएगी।
कॉन्फ़ेडरेशन देश भर के सभी समाचार पत्रों एवं संवाद समितियों में काम करने वाले कर्मचारियों की यूनियनों एवं फेडरेशनों का एक शीर्ष संगठन है। इसी के नेतृत्व में मजीठिया वेज बोर्ड कि लड़ाई लड़ी गई थी, जिसका लाभ तमांम समाचार पत्र कर्मियों को मिल रहा है। जो इस लाभ से वंचित रह गए हैं उनके लिए संघर्ष की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
बैठक में कुछ स्वयंभू नेताओं द्वारा पत्रकारों एवं गैर-पत्रकारों की एकता को तोड़ने के प्रयासों कि निंदा की गयी, जो अपने स्वार्थपूर्ति के लिए मालिकों के इशारे पर मजदूर हितों पर कुठाराघात कर रहे हैं। कर्मचारियों से अपील की गयी है कि विषनाग की तरह कुंडली मारे ऐसे नेताओं को वे बाहर का रास्ता दिखाएं।
आई.एफ.डब्लू.जे. उपाध्यक्ष हेमंत तिवारी ने प्रस्ताव किया कि कॉन्फ़ेडरेशन का एक सम्मेलन उत्तर प्रदेश में आयोजित होना चाहिए जिससे प्रदेश के बड़े अख़बार मालिकों के साथ-साथ सरकार को भी यह चेतावनी और संदेश दिया जा सके कि कर्मचारी अब चुप बैठने वाले नहीं हैं।
बैठक कॉन्फ़ेडरेशन के महासचिव एम. एस. यादव के अलावा श्री त्यागी, श्री वर्मा, श्री राजवीर, श्री मेहरुद्दीन (पी.टी.आई. फेडरेशन), श्री परमानन्द पांडेय, श्री हेमंत तिवारी, श्री रिंकू यादव (आई.एफ.डब्लू.जे.), श्री एस. एन. सिन्हा, सुश्री सबीना इंद्रजीत (आई.जे.यू.), श्री के. बी. पंडित, श्री मदन सिंह (आई.जे.यू.), श्री राजेंद्र प्रभु, श्री मनोहर सिंह (एन.यू.जे.), सुश्री सुजाता मधोक, श्री एस. के. पांडे (डी.यू.जे.), श्री एम.एल. जोशी (यू.एन.आई. एम्प्लाइज फेडरेशन), श्री रूपचंद एवं अन्य साथी (टाइम्स ऑफ़ इंडिया), श्री अखिलेश एवं अन्य साथी (हिंदुस्तान टाइम्स), श्री नायडू, श्री नन्द किशोर (इंडियन एक्सप्रेस) के आलावा दैनिक जागरण एम्प्लाइज यूनियन और अन्य यूनियनों के कामरेड्स शामिल थे।