ऊना में गायों को शेरों ने मारा था, दलितों ने नहीं
अहमदाबाद। गुजरात पुलिस ने कहा है कि राज्य के उना कस्बे में जिस गाय की खाल उतारने को लेकर कथित गोरक्षकों द्वारा दलितों की बर्बर पिटाई की गई थी, उसे शेरों ने मारा था। दलितों की पिटाई की इस घटना की चौतरफा निंदा हुई है।
उना तालुक के मोटा समधियाला गांव के निकट दलितों की निर्मम ढंग से पिटाई के मामले की जांच कर रहे सीआईडी-अपराध विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से उनको पता चला है कि गाय को 10 और 11 जुलाई की दरम्यानी रात में शेरों ने मारा था।
जांच की निगरानी कर रहे सीआईडी निरीक्षक एस एस त्रिवेदी ने कहा कि हमारी जांच के दौरान प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें बताया कि शेरों ने मोटा समधियाला के निकट बेदिया गांव में एक गाय को मारा और उसी रात आसपास के गांवों में तीन अन्य गायों को मारा। अगली सुबह दलित समुदाय के लोगों को गाय के शवों के निस्तारण के लिए बुलाया गया। ऐसे में यह स्पष्ट है कि पीड़ित गोहत्या में शामिल नहीं थे। यह गांव गिर अभयारण्य के निकट है, ऐसे में शेरों का वहां दिखाई देना आम बात है। कुछ गांव तो उस कोरिडोर के तहत आते हैं जो जंगली बिल्लियों के घूमने के लिए है।
त्रिवेदी ने कहा कि यह अभी जांच का विषय है कि दलित समुदाय के लोग जब मरी हुई गाय की खाल उतार रहे थे तो उस वक्त कथित गो रक्षकों को किसने बुलाया था तथा गोहत्या को लेकर गलत जानकारी देने के पीछे का मकसद क्या था। बीते 11 जुलाई के मोटा समधियाला गांव के बाहर दलित युवकों को बर्बर पिटाई की गई थी।