चमोली में चीन ने की थी घुसपैठ
हरीश रावत ने केंद्र को अवगत कराया
देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर से चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की है। बताया जा रहा है कि भारतीय सीमा में स्थित बाड़ाहोती का निरीक्षण करने गई प्रशासनिक टीम का चीनी सैनिकों से सामना हुआ। इस दौरान सैनिकों ने टीम को वापस लौटने का इशारा भी किया। इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है की मामला बहुत गंभीर है और इस घटना से केंद्र को अवगत करा दिया है।
उत्तराखंड के चमोली में चीनी सैनिको की घुसपैठ की घटना के बाद सीएम रावत भी सकते में हैं। सीएम ने कहा है की उन्होंने अपने सभी अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि मौके पर नजर बनाए रखें। साथ ही, सैनिकों को भी वहां और मुस्तैद रहने को कहा है।
बता दें कि चमोली के अधिकारी सालाना निरीक्षण के लिए हर साल निकलते हैं। इसी निरीक्षण के दौरान ही कुछ चीनी सैनिकों का सामना इस टीम से हुआ था। टीम में उप जिलाधिकारी योगेन्द्र सिंह के साथ 19 लोग मौजूद थे। इस घटना से चमोली के जिलाधिकारी ने सीएम को अवगत कराया उसके बाद राज्य सरकार ने भी इस इस घटना से केंद्र को अवगत करा दिया है। आईटीबीपी ने 19 जुलाई को भारत सरकार को इस संबंध में रिपोर्ट भी दी थी।
दरअसल प्रशासन की टीम नियमित निरीक्षण पर गई थी। जिसके बाद चीनी सैनिको को देखा गया इस निरीक्षण में क्या क्या हुआ। इसकी पूरी रिपोर्ट हालांकि अभी गोपनीय रखी गयी है जिसे भारत सरकार को भेजा गया है।
यह निरीक्षण दो बार गर्मियों और एक बार सर्दी में किया जाता है। बाड़ाहोती तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। यहां तक पहुंचने के लिए पहले जोशीमठ से 103 किलोमीटर दूर मलारी होते हुए रिमखिम तक सड़क से पहुंचा जाता है और इसके बाद करीब आठ किलोमीटर पैदल चलना होता है, तब जाकर बाड़ाहोती आता है।
22 जुलाई को उपजिलाधिकारी की टीम रिमखिम से आगे बढ़ी तो बाड़ाहोती के पास उन्हें कुछ चीनी सैनिक दिखाए दिए। इस दौरान चीनी सैनिकों ने दल को वापस लौटने का इशारा किया। इसके बाद टीम रिमखिम लौट गई और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) को इसकी सूचना दी। जिसके बाद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया।
गौरतलब है कि बाड़ाहोती में चीनी सैनिकों की घुसपैठ का यह कोई पहला मामला नहीं है। पिछले साल भी यहां आए कुछ चरवाहों को चीनी सैनिकों ने मारपीट कर भगा दिया था तो कभी चीनी हेलिकॉप्टर को भी देखा गया है।