वंचितों की मदद के लिए बहुजन समाज में पैदा होना जरूरी नहीं
नितीश कुमार ने लखनऊ में सपा-बसपा पर साधा निशाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाम लिये बिना मायावती व अखिलेश पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि लोहिया के विचार वालों ने ही उन्हें रैली में आने से रोका। रैली में आने से रोक लें, मगर शराबबंदी यूपी में भी लागू कर दें। मायावती का नाम लिये बिना कहा कि वंचितों की मदद के लिए बहुजन समाज में पैदा होना जरूरी नहीं है।
नीतीश कुमार महाराजा बिजली पासी किला पर मंगलवार को बीएस-4 के संस्थापक आरके चौधरी द्वारा छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर आयोजित रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्हें वैसे तो रैली स्थल पर दोपहर एक बजे आना था। वह तय समय के अनुसार 12 बजे लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस पहुंच भी गए थे लेकिन जिला प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने की वजह से रैली स्थल पर 3.06 बजे पहुंच सके।
नीतीश कुमार ने कहा कि आरके चौधरी के निमंत्रण पर मुझे महाराजा बिजली पासी किला में आने का सौभाग्य मिला। बहुजन समाज को अभी और लड़ाई लड़नी है। उन्होंने बिहार में निकायों व पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया। लोहिया जी का मानना था कि बहुजन समाज को सभी क्षेत्रों में आरक्षण मिले। उन्होंने कहा कि सबसे पहले आरक्षण छत्रपति शाहूजी महाराज ने दिया। अभी भी सभी क्षेत्रों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। इसका उदाहरण न्यायिक सेवा है। अभी तो लड़ाई शुरू हुई है, हक के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी। नीतीश कुमार ने पिछड़ों पर डोरे डालते हुए कहा कि इनकी संख्या काफी बड़ी है।
उन्होंने कहा कि सत्ता मिले तो उसका सदुपयोग करना चाहिए। उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। शिक्षा बहुत जरूरी है, सबको पढ़ाने की कोशिश होनी चाहिए, तभी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। रैली को बीती 30 जून को बसपा छोड़ने वाले और बीएस-4 के संस्थापक आरके चौधरी और अन्य नेताओं ने भी सम्बोधित किया।