दलित अत्चायार पर बसपा सुप्रीमो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोला सपा-भाजपा पर ज़ोरदार हमला

तौक़ीर सिद्दीकी

लखनऊ: देशभर में दलितों पर हो रहे अत्याचार और यूपी की हाल की घटना को लेकर मायावती ने आज बीजेपी पर तीखा हमला बोला। मायावती ने कहा कि हाल की घटनाओं से बीजेपी का दलित विरोधी चेहरा सबके सामने आ गया है। मायावती ने कहा कि पीएम दलितों पर हो रहे अत्याचारों के मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।साथ ही मायावती ने राज्य में बीजेपी और सपा के बीच साठगांठ का भी आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज़्यों में दलितों पर अत्याचार की घटनाओं में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है और प्रधानमंत्री इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। खुद को अपशब्द कहे जाने और उसके बाद बीएसपी कार्यकर्ताओं के अपशब्द पर भी उन्होंने अपना पक्ष रखा।
मायावती ने कहा कि सपा-भाजपा मिलकर घिनौना षड्यंत्र कर रहे हैं। दलित वोट में सेंध की साजिश हो रही है। दलितों को भाजपा में लाने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस की तरह भाजपा का भी राष्ट्रीय नेतृत्व दलितों के यहां खाना खा रहा है। मगर इनकी सारी उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। रोहित वेमुला और ऊना काण्ड में दलितों के अपमान से भाजपा घबराई हुई है। पीएम ड्रामा कर रहे हैं।
मायावती ने कहा कि बसपा ने जिस तरह से मामला संसद में उठाया उससे भाजपा और प्रधनमंत्री की बहुत किरकिरी हुई है। दुख इस बात का है कि नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर अभी तक कुछ नहीं बोला है। मैं भी ऊना जानना चाहती थी लेकिन उसके बाद भाजपा ने जानबूझ कर अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह से अपमानजनक भाषा का प्रयोग करवाया है, ताकि ध्यान बांट सकें।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इनके सपा सरकार से मधुर संबंध हैं, इसका प्रमाण है कि 36 घंटे तक अभी तक दया की गिरफ्तारी नहीं हुई है। साथ ही दया की मां की शिकायत पर शिकायत दर्ज की गई है जबकि हर पुलिस अधिकारी को ये मालूम होना चाहिए कि संसद में सदस्य द्वारा कही गई किसी भी बात के संबंध में किसी भी न्यायालय में कार्रवाई नहीं की जा सकती।
दयाशंकर को अब भी गिरफ्तार नही किया गया है। एक और शिकायत दर्ज करवाई गई है। धरना प्रदर्शन में दयाशंकर की मां, बेटी के खिलाफ लगे नारो को मीडिया में प्रचारित करवाया है। मायावती ने कहा नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने धरने में दयाशंकर की बहन-बेटी के खिलाफ कुछ नहीं किया है। नारे का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने दयाशंकर की मां-बेटी कुछ भी गलत नहीं कहा। ये भी कहना चाहती हूं कि उन्होंने अपनी पोती और बेटी को लेकर जो शिकायत करवाई है…दयाशंकर के खिलाफ भी एक शिकायत दर्ज करवातीं जो उसने मायावती के खिलाफ बोला है। ऐसा करने पर इन दोनो महिलाओं को देश की महिलाऐं अपने सिर पर बैठाती, इनकी दोगली मानसिकता साफ झलकती है। मां और बेटी से बीजेपी की शह पर दयांशकर के केस को कमजोर करने केलिए किया जा रहा है। बीजेपी के लिए ये भी अच्छा होता कि दयाशंकर की बेटी के साथ दलित की बेटी के लिए भी धरना देते।
माया ने कहा, सोची समझी राजनीतिक साजिश के तहत मीडिया में चल रहा है। बीजेपी के षंडयंत्र के तहत चल रहा है। प्रदेश की जनता का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है। खराब छवि को हटाने केलिए किस्म किस्म के नाटक बीजेपी कर रही है। अपनी पार्टी के लोगों को आप लोगों के माध्यम से कहना चाहूंगी कि यूपी में बीजेपी के इशारो पर चल रही सपा सरकार के चलते दयाशंकर प्रकरण में मायावती को अभी तक न्याय नही मिल सका है। तो सर्व समाज में कमजोर लोग को इस सपा सरकार मे कैसे न्याय मिल सकता है। पार्टी के लोगों को अपनी बहन के लिए ही नहीं पीड़ित महिलाओं, गरीबों, मुस्लिमों, दलितों को हर स्तर पर न्याय दिलाने के लिए विशेष ध्यान देना होगा ताकि बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बन जाए।
अगर बीजेपी के दवाब में आकर सपा ने दयाशंकर को सख्त सजा नहीं दी तो बीएसपी की सरकार बनते ही दयाशंकर की समयबद्ध निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। मामले को दबने नहीं दिया जाएगा। अकेला यही मामला नहीं है दयाशंकर का, सभी उत्पीड़न के मामलों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए बीएसपी के जनाधार को बढ़ाना होगा। दयाशंकर के खिलाफ पहले तो सपा सरकार ने कोई संज्ञान नहीं लिया, ना ही बीजेपी ने एफआईआर दर्ज करवाई, ना ही सपा ने खुद संज्ञान लेकर मामला दर्ज कराया।
सीएम अखिलेश यादव को नसीहत देते हुए माया ने कहा कि कई मौकों पर अखिलेश ने मुझे बुआ कहा है। ये इसलिए क्योंकि उनके पिता मुलायम सिंह यादव मुझे बहनजी कहते हैं। अगर अखिलेश अपनी बुआ का सम्मान बचाने में नाकाम रहते हैं तो बीएसपी की सरकार बनने पर दयाशंकर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अखिलेश को वैसा सख्त कदम लेना चाहिए जैसा मैंने वरुण गांधी के खिलाफ लिया था जब उन्होंने नफरत फैलाने वाला भाषण दिया था।
साथ ही मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी और उसकी टॉप लीडरशिप ने अपनी सरकार की कमज़ोरियों पर से ध्यान हटाने के लिए साज़िश के तहत दयाशंकर सिंह से ये बयान दिलवाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है। दयाशंकर सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। बीजेपी का दलित विरोधी चेहरा सामने आया है। अंबेडकर का नाम लेते ही दलितों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि दयाशंकर की मां और बेटी में से किसी के लिए भी किसी भी तरह के अपशब्द का इस्तेमाल हमारी पार्टी की ओर से नहीं किया गया है।