ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण की मांग
लखनऊ। भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा ने भारत सरकार से मांग की है कि ओबीसी आरक्षण में जातीय आधार पर वर्गीकरण किया जाए। इस मांग की पूर्ति के लिए महासभा का प्रतिनिधि मण्डल देश भर के स्वजातीय जनप्रतिनिधि (सांसद, विधायक, एमएलसी) भारत के न्यायप्रिय और लोक प्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री भारत सरकार श्री राजनाथ सिंह मुलाकात करेगा।
राजधानी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व लोकसभा सांसद और वर्तमान एमएलसी हरिभाऊ राठौड़ और पूर्व सांसद और भारतीय तैलिक साहू राठौर महासभा के संस्थापक और अध्यक्ष रामनारायण साहू ने कहा कि ओबीसी आरक्षण में जातिगत आधार पर वर्गीकरण समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ओबीसी के लिए दिये जा रहे आरक्षण का समुचित लाभा पूरे संवर्ग को नही मिल पा रहा है खास तौर से इस आरक्षण का लाभ कुछ जाति विशेष के लोग ही उठा रहे है और एक बड़ा तबका इस लाभ से वंचित है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग आयोग के चैयरमेन वी. ईश्वरय्या की सिफारिशों को मानकर तत्काल भारत सरकार इसे गजट कराये। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित है। इसे वर्गीकृत करते हुए घुमते वर्ग को 9 प्रतिशत,यादव और कुर्मी अन्य वर्ग को 9 प्रतिशत जबकि 9 प्रतिशत में तेली, नाई, कुम्हार पाल सहित आदि को शामिल किया जाए। उन्होंने बताया कि इस मांग का समर्थन उत्तर प्रदेश के सशक्त तरीके से हो सकती है क्योकि उत्तर प्रदेश से एक दो नही बल्कि सांसद पिछड़ा वर्ग से इनमें उमा भारती, साध्वी निरंजन ज्योति, मुकेश राजपूत, हरिनारायण राजभर, राजवीर सिंह, साक्षी महाराज, धर्मेन्द्र कश्यप, नेपाल सिंह सहित पचास से अधिक विधायक और एमएलसी जनप्रतिनिधि है। उन्होंने बताया कि ओबीसी आरक्षण के वर्गीकरण के लिए देश की कुल जनसंख्या लगभग 40 करोड़ लोगों को समुचित लाभ दिलाने के उद्देश्य से केन्द्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग वर्ष 2015 मार्च में अपनी सिफारिश केन्द्र सरकार को सौप चुका है। अतः इन सिफारिशों को तत्काल लागू कराकर गजट कराया जाए।प्रेस के दौरान अखिल भारत पाल महासभा अनिल पाल, एड. रमाशंकर गुप्ता, शिव सागर, संतोष साहू और मीडिया प्रभारी राजेश साहूॅ मौजूद थे।