लखनऊ: राजनीतिक पार्टियां मुसलमानों के वोट तो लेना चाहती हैं, लेकिन उन्हें कुछ देना नहीं चाहतीं, चुनाव से पहले वादे तो बहुत करती हैं मगर जब सत्ता मिल जाती है तो वे उन्हें भूल जाती हैं। इन विचारों को ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस मशावरत के तहत आयोजित ईद मिलान अधिकार सम्मेलन मे वक्ताओं ने किया।
होटल मेजबान में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुस्लिम मजलिस मशावरत के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवेद हमींद ने कहा देश के वंचित वर्ग आज़ादी के इतने लंबे समय के बाद भी अपने अधिकार पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं जो देश की बहुत बड़ी बदनसीबी है। सत्ता में बैठे लोग उनके अधिकार छीन रहे हैं,उन्हें समझ लेना चाहिए कि जब वंचित वर्ग जागरूक हो जाते हैं तो क्रांति आती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग के लिए हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति बर्बाद कर दी जाती है मगर एक गोली भी प्रदर्शनकारियों पर नहीं चलाई गई मगर कश्मीर में पत्थर फेंकने वाले युवाओं पर अत्याचार के पहाड़ तोड़े जा रहे हैं, उसके खिलाफ कोई भी पार्टी और वर्ग आवाज नहीं उठा रह है। कश्मीर को भारत का हिस्सा समझने के साथ कश्मीरियों को भी अपना समझना होगा, तभी न्याय का तकाजा पूरा होगा। मुसलमानों के खिलाफ आतंकवाद का अभियान चलाकर बहुत बड़ा खेल खेला जा रहा है, जो देश के लिए काफी हानिकारक हो सकता है, हम इस बात की निंदा करते हैं कि हमारे युवा आतंकवाद के आरोप में पंद्रह पंद्रह साल तक जेलों में रहें और अंत में सुप्रीम कोर्ट फैसला करे कि वह निर्दोष थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि समाजवादी सरकार ने चुनाव से पहले जेलों में बंद युवकों को रिहा करने और मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया था मगर एक वादा भी पूरा नहीं कया। उन्होंने कहा कि देश की कितनी जातियां पिछड़ेपन के दलदल से निकल कर विकसित बन गईं लेकिन मुसलमानों की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही हैं। उन्होंने ने कहा धारा 341 से धार्मिक भेदभाव का अंत होना चाहिए, क्योंकि यह आरक्षण की सुविधा से हिन्दू दलितों के हम पेशा मुसलमानों और ईसाइयों को एक अध्यादेश के जरिए 1950 से ही वंचित रखा गया है, धारा 341 में हिंदू होने की शर्त असंवैधानिक है। सच्चर समिति ने भी धारा 341 से धर्म की शर्त खत्म करने की सिफारिश की थी लेकिन सरकार ने इसे लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की सिफ़ारिशात आरक्षण में पिछड़े वर्गों के सभी समुदायों को शामिल किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम के कनवेनर मोलाना ज़हीर अहमद सिद्दीकी ने कहा कि अगर राजनीतिक दल मुसलमानों के कल्याण करना चाहती हैं तो उन्हें ठोस कदम उठाना चाहए. पिछड़ी जातियों में कई ऐसी हैं जिन्हें अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिला। अगर सभी आँकड़े सामने आ जाते हैं तो सरकारी योजनाओं और आरक्षण का लाभ वंचितों तक पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि मंडल आयोग की सिफारिशों को आज तक ईमानदारी से लागू नहीं किया गया,
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस के उपाध्यक्ष अनीस अंसारी ने कहा कि महाराष्ट्र के पूना में दलित युवक की पिटाई और उसके विरोध में उतरे युवकों की मौत से तकलीफ हुई है, देश के वंचित वर्गों को मनवाद से कड़ी चुनौती का सामना है, मुसलमानों में भी इस्लाम के सख्त निर्देश के बावजूद पिछड़े वर्ग को अत्याचार सहना पड़ा है, इस अत्याचार को समाप्त करने के लिए मुस्लिम संगठनों को पिछड़ों से गठबंधन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 12 राजनीतिक दलों ने गठबंधन करने का फैसला किया है, तो हमारी उनसे मांग है कि वह अपने एजेंडे में धारा 341 और मंडल आयोग की सिफारिशों को भी प्राथमिकता दें.
तेज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि डॉ। अंबेडकर ने कहा था, इस देश का हिंदू हमें हिन्दू नहीं मानता, जबकि मुसलमानों से शिकायत थी कि वह हमें हिंदू मानता है। उन्होंने कहा कि इस तरह हम धारा 341 का शिकार हुए हमें जबरन हिंदू बनाया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस से सवाल है कि क्या इस देश का दलित हिन्दू है अगर है तो उन्हें उनकी हिस्सेदारी क्यों नहीं दी गई और अगर हम हिंदू हैं तो हम से रोटी और बेटी का संबंध क्यों नहीं स्थापित किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर को फिलिस्तीन बना दिया गया है, लेकिन कोई आवाज बुलंद नहीं हो रही है, किसी राजनीतिक पार्टी का नेता कश्मीरियों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा रहा है।
पासी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामलखन पासी ने कहा कि देश पर महज़ 15 प्रतिशत लोग राज कर रहे हैं। उनकी नजर में आरक्षण देश के हित में नहीं है, आरक्षण पाने वालों के अंदर क्षमता नहीं होती है, वह योग्यता नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि देश में जितने भी घोटाले हुए हैं, उनमें दलित और पिछड़े वर्ग का कोई भी व्यक्ति शामिल नहीं था, बल्कि वही राज करने वाले लोग थे.परोगराम का सञ्चालन मुस्लिम मजलिस के महासचिव मोहम्मद खालिद ने की.परोगराम को बाबरी मस्जिद के वादी हाशिम अंसारी के सवर्गवास की खबर मिलते ही रोक दिया गया और अंसारी के आत्मा लिए प्रार्थना की गई। इस मौके पर मुस्लिम मजलिस के उपाध्यक्ष शहाबुद्दीन मदनी, सचिव अरशद सिद्दीकी, सचिव तारिक सिद्दीकी, सचिव पब्लिक रिलेशन वसीम हैदर, नाहीद अकील, डॉ कौसर उस्मान, मौलाना मुस्तफा नदवी, सबीहा अहमद, डॉ रसाना लॉरी, इस्माइल बाटली वाला मुंबई, जावेद मिर्जा हैदराबाद, अरशद सिराज दिल्ली,बशर ,अमीर हैदर , हिलाल नक़वी, डॉक्टर मीड अहमद, मोहद नईम, अतीकुर्रहमान , ऑल उम्र कुरैशी और अकरम अंसारी आदि मौजूद थे।