गुजरात में दलित अत्याचार मामले ने लिया हिंसक रूप
अहमदाबाद। गुजरात में दलित अत्याचार मामले ने हिंसक रूप ले लिया। सौराष्ट्र के कई इलाको में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। जामनगर में देर रात लोगों और पुलिस में हिंसक झड़प हुई है। जामनगर के शंकर टेकरी इलाके में पुलिस ने हिंसक भीड़ पर काबू पाने के लिए 5 राउंड टीयर गैस के गोले छोड़े। इस दौरान द्वारा जाती राज्य परिवहन की बस भी भीड़ का शिकार बनी। भीड़ ने चलती बस पर पथराव किया, जिससे के चलते बस ड्राइवर और यात्री जख्मी हो गए।
इसके अलावा स्टेट ट्रांसपोर्ट की कई और बसों पर भी पथराव किया। हिंसक प्रदर्शन को देखते कई इलाकों में बस सेवाएं एहतियातन बंद कर दी गई। इसके अलाना अमरेली में कई रास्तों पर प्रदर्शन के दौरान टायर जलाए गए। हालांकि हिंसक प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर राजकोट में देखने को मिल रहा है।
राजकोट जिले में जगह-जगह प्रदर्शनकारियों ने जमकर तोड़फोड़ की। सबसे पहले राजकोट के धोराजी में 2 सरकारी बसों को फूंक दिया गया। इसके बाद राजकोट के बीआरटीएस ट्रैक को निशाना बनाया। हिंसक भीड़ के निशाने पर राजकोट ग्रामीण एसपी की गाड़ी भी आ गई। उपद्रवियों ने गाडी के कांच तोड़े दिए। दलित अत्याचार मामले पर अब सियासत भी शुरू हो गई है।
अहमदाबाद में ओबीसी एकता मंच गांधई आश्रम में धरना देगा। इसके अलावा दलित समुदाय भी एक रैली निकालेगा। इसके अलावा राजनीतिक दलों ने भी लोगों से भी शांति बनाए रखने की अपील की है। कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेगा। इसके अलावा दलित मामले की जांच सीआईडी आज शुरू करेगी। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया था।
दलित अत्याचार मामले पर हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है। बता दें कि 11 जुलाई को ऊना में चार दलितों को कार से बांधकर सरेआम पिटाई की गई थी। दलितों की पिटाई का आरोप शिवसेना कार्यकर्ताओं पर लगा था। इन दलित युवकों पर आरोप था कि ये मरे हुए पशुओं की खाल उतार रहे थे। इसके बाद ऊना में चार दलितों पर हुए अत्याचार के विरोध में एकसाथ सात लोगों ने सामूहिक तौर पर खुदकुशी की कोशिश की। इस घटना ने आग में घी डालने का काम किया। इसके बाद पुलिस ने दलितों की पिटाई के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। राज्य सरकार ने मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी है।