लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक नेे आज राजभवन में आयोजित एक अभिनन्दन समारोह में प्रदेश के ‘पद्म‘ सम्मान से अलंकृत महानुभावों को अंग वस्त्र, पुष्प गुच्छ एवं पुस्तक ‘बर्ड्स आफ उत्तर प्रदेश‘ तथा ‘बर्ड्स आफ राजभवन उत्तर प्रदेश‘ की प्रति भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव, मंत्री श्री राजेन्द्र चैधरी, योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री एन0सी0 बाजपेई, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश की ओर से सम्मान के बाद अपने घर में सम्मान होता है तो उसका विशेष महत्व होता है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश से 12 लोगों को उनकी विशिष्टता के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दृष्टि से वे उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से इन सभी महानुभावों का अभिनन्दन करते हैं। उन्होंने कहा कि पद्म पुरस्कार से देश के द्वारा उनकी विशेषतता को मान्यता मिली है।
श्री नाईक ने कहा कि पद्म पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों जैसे चिकित्सा, शिक्षा, कला, गीत, संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए प्रदान किया जाता है। इससे ऐसे महानुभावों के बारे में देखने और सुनने से दूसरे लोगों में भी कुछ करने की प्रेरणा उत्पन्न होती है। उत्तर प्रदेश का नाम बढ़ाने के लिए ऐसे महानुभावों ने जो प्रयास किया है यह संदेश आगे तक जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का नाम ऊंचा होगा तो सबका मान-सम्मान बढे़गा तथा नयी पीढ़ी को नयी दृष्टि प्राप्त होगी।
राज्यपाल ने कहा कि कुछ पाने के संकल्प से देश एवं प्रदेश की प्रगति होगी। उन्होंने प्रशंसा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ‘यश भारती‘ सम्मान प्राप्त करने वालों को पेंशन देने की कल्पना अच्छी है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव का अनुरोध कि केन्द्र सरकार पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों को पेंशन की व्यवस्था करे, स्वागत योग्य है। वे शीघ्र ही इस सुझाव को केन्द्र सरकार तक पहुँचाने का काम करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि वे राज्यपाल का आभार व्यक्त करते है कि उन्होंने पद्म पुरस्कार से अंलकृत महानुभावों को राजभवन बुलाकर सम्मानित किया। पद्म विजेताओं ने अपने कठिन परिश्रम एवं कार्य के प्रति समर्पण के आधार पर यश प्राप्त किया है। पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों से लोग प्रेरणा प्राप्त करते हैं। प्रदेश सरकार ने कोशिश की है कि अच्छा काम करने वालों को ‘यश भारती‘ पुरस्कार से सम्मानित किया जाये। प्रदेश सरकार ‘यश भारती‘ पुरस्कार प्राप्त करने वालों को पेंशन भी देती है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पद्म पुरस्कार प्राप्त करने वालों के लिए भी पेंशन की सुविधा प्रारम्भ करें।
समारोह में राज्यपाल ने पद्मश्री श्री एस0सी0 सुपकार ‘वस्त्र डिजायनर‘, पद्मश्री श्रीमती मालिनी अवस्थी ‘लोक संगीत‘, पद्मश्री डाॅ0 शिव नारायण कुरील ‘चिकित्सा‘, पद्मश्री डाॅ0 एस0एस0 सरकार ‘चिकित्सा‘, पद्मश्री प्रो0 दलजीत सिंह गंभीर ‘चिकित्सा‘, पद्मश्री प्रो0 ओंकार नाथ श्रीवास्तव ‘विज्ञान‘ को सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश से इस वर्ष 12 लोगों को पद्म पुरस्कार प्रदान किये गये थे। राजभवन में आज 6 लोगों का सम्मान किया गया। शेष 6 लोग पद्म भूषण श्री राम वंजी सुतार ‘मूर्तिकला‘, पद्म भूषण श्री रवीन्द्र चन्द्र भार्गव ‘पब्लिक अफेयर्स‘, पद्मश्री प्रो0 रविकांत ‘चिकित्सा‘, पद्मश्री प्रो0 रामहर्ष सिंह ‘आयुर्वेद‘, पद्मश्री श्री तपन कुमार लाहिड़ी ‘चिकित्सा‘ और पद्मश्री डाॅ0 सोमा घोष ‘गायिका‘ बाहर होने के कारण उपस्थित नहीं हो सके।
कार्यक्रम में विशेष रूप में इग्लैण्ड से आये विलियम हैग, प्रपौत्र सर हैरी ग्राहम हैग पूर्व राज्यपाल उत्तर प्रदेश भी उपस्थित थे।