सपनप्रिया में साकार हुई कल्पना की अद्भुत दुनिया
लखनऊः सपनों की दुनिया का सामना जब सच्चाई से होता है तो कई बार उसकी परिणिति आशा के अनुरूप नहीं होती। इसी परिकल्पना पर आधारित प्रख्यात कथाकार विजयदान देथा की कहानी ‘‘सपनप्रिया’’ का नाट्य मंचन रविवार को भारतेंदु नाटय अकादमी के मंच पर किया गया।
दा मेकिंग वल्र्ड संस्था की ओर से हुए नाटक का निर्देशन वा नाट्य रूपांतरण भारतेंदु कश्यप ने किया। सपनप्रिया की कहानी एक ऐसे राज्य की है, जो पूरी तरह से कल्पनाशीलता की अद्भुद दुनिया पर आधारित है। इसमें एक राजकुमार राजकुमारी का सपना देखता है, सुबह उठकर वह माँ से अपने सपने के बारे में बताता है तो वह राजकुमार को अपने सपने की तलाश करने के लिए कहती है। राजकुमार की राह में तमाम अड़चने आती है। फिर उसकी मुलाकात राजकुमारी की सहेली से होती है, जो उससे प्रेम करने लगती है। अंत में उसकी शादी छल से राजकुमारी की सहेली से हो जाती हैं इसके बाद सामने आती है जिन्दगी की तल्ख हकीकत और सच्चाई।
इसमें प्रमुख भूमिकाएं हरी ओम् सोनी, हर्षित, शिवंशी चैबे, पुष्पा, शुभम, आदि ने की है। मंच व्यवस्था हरी ओम् सोनी ने की और वेशभूषा शिवांशी चैबे की रही।