लखनऊ: जन्नतुल बकी मंै मजारों को गिराने के खिलाफ और पवित्र कब्रों के पुनर्निर्माण के लिए आज जूमे की नमाज के बाद आसफि मस्जिद से बड़े इमामबाड़ा के मुख्य द्वार तक जुलूस निकाला गया । मजलिसए ओलमाये हिन्द द्वारा आयोजित मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी सऊदी सरकार के उत्पीड़न और आतंकवाद के खिलाफ नारे लगाते हुए जुलूस की शक्ल में इमामबाड़ा के दरवाजे तक आए जहांॅ ओलमा ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया । जलसे को संबोधित करते हुए मौलाना सैयद कल्बे जव्वाद नकवी ने कहा कि सऊदी सरकार बनी उम्मिया के शासकों से भी अधिक जालिम हैं ।सऊदी सरकार ने बड़ी शक्तियों के इशारे पर ऐसी मशीनरी तैयार की जिसमें युवाओं को गुमराह करने के लिए विद्वानों, स्पीकरज और मौलवी तैयार किए गए है। मौलाना ने कहा कि सऊदी सल्फी वहाबी मुफ्तियों के फ्तवे इस्लाम की छवि खराब कर रहे हैं,सऊदी सरकार ने आज तक केवल इस्लाम को नुकसान पहुंचाया है ।मौलाना ने कहा कि सल्फी वहाबी लोगों की शिक्षाओं के अनुसार रसूल खुदा मुहम्मद स0अ0 का शरीर मिट्टी हो चुका है इसलिए उन्हें वसीला बनाने की जरूरत नहीं है। मौलाना ने कहा कि जब साढ़े तेरह सौ साल के बाद आई0एस0 आतंकवादियों ने रसूलए खुदा स0अ0 के साहाबी हुज्र बिन अदी की कब्र को खोदा तो उनका शरीर सही व सालिम निकला तो भला पैगम्बर मुहम्मद स0अ0 मिट्टी कैसे हो सकता है। यह केवल युवाओं को गुमराह करने के लिए ऐसे फतवे जारी करते हैं ताकि इमामों,और रसूलों की कब्र के निशान तक मिटा दे जाएं। मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने वादा किया है कि जल्द ही तुम देखोगे कि कैसे जालिमों को हम उथल पुथल करेंगे क्योंकि अत्याचार और जुल्म को बक़ा नहीं होती। वह दिन दूर नहीं है जब सऊदी सरकार अपने अंजाम को पहुंच जाएगी।
मौलाना मुहम्मद जाबिर जूरासी संपादक मासिक इसलाह ने अपने भाषण में कहा कि जन्नतुल बकी को गिराने के तुरंत बाद अगर मुसलमान एकजुट होकर सऊदी सरकार का विरोध करते तो आज न बेतूल मूकद्वस पर कब्जा होता और नही फिलिसतीन में आतंकवाद का बाजार गर्म होता।ये उस चुप का नतीजा है कि मुसलमान आज दुनिया में बदनामी का मुंह देख रहा है।मौलाना ने कहा कि अब जब मस्जिदे नबवी के पास धमाका हुआ तो मुसलमान तड़प उठे, अफसोस ये है कि जन्नतुल बकी में रसूले ख्ुादा स0अव की बेटी की कब्र और दुसरे मजारों को ध्वस्त कर दिया गया मगर किसी ने विरोघ मैं आवाज बुलंद नहीं की।
मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी ने कहा कि ब्रिटेन और आले सऊद के बीच जो समझौते हुए थे उसके मसौदे पर निगाह करनी चाहिए ।ब्रिटेन ने आले सऊद से समझौते क्या था कि सारे अरब देश उसकी गुलामी करेंगे। अगर अरब देश किसी देश से कोई समझौता करते हैं तो बिना ब्रिटेन को सूचना दिए हुए उस समझौते पर अमल नही करेंगें। किसी भी हाल में ब्रिटेन सरकार का विरोध नहीं करेंगे और तेल के जितने भी भंडार हैं उनकी सूचना और अनुमति के बाद ही खोदे जायेंगे ।मौलाना तसनीम मेहदी ने कहा कि इस समय सभी मुसलमानों पर अनिवार्य है कि सऊदी अरब के उत्पीड़न और पूरी दुनिया में उनके द्वारा फेलाये जा रही आतंकवाद के खिलाफ आवाज बुलंद करें ।जलसे के आखिर मै मौलाना रजा हुसेन ने सऊदी अरब के अत्याचारों को प्रदर्शनकारियों के सामने वर्णित किया। इससे पहले मौलाना अली अब्बास खान ने जूमे की नमाज के खूतबों से पहले विशेष रूप से नमाजियों और प्रदर्शनकारियों के सामने जन्नतुल बकी की तारीख को पेश किया । उन्होंने कहा कि ओलमाये एहले सून्नत के अनुसंधान के अनुसार जन्नतुल बकी में लगभग दस हजार पेगम्बर मोहम्मद साहब के साथियों की कब्रें हैं । पैगम्बर स0अ0 की बिवियों की कब्रें मौजूद हैं।मौलाना ने कहा कि हम किसी एक व्यक्ति या किसी एक समुदाय के खिलाफ नहीं हन बल्कि उस सिद्धांत और इस चिंता के खिलाफ हैं जो पूरी दुनिया को नरक का नमूना बनाए हुए है।
प्रदर्शनकारियों ने बड़ी संख्या में सऊदी सरकार, शाह सलमान ,अले सऊद, अमेरिका और इजरायल के खिलाफ नारे लगाये ।प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि जन्नतुल बकी में मौजूद सभी मजारों को दोबार बनाया जाये,अगर सऊदी सरकार खुद निर्माण नहीं कर सकती है तो अनुमति दी जाए कि वहां कब्रों का निर्माण किया जाए। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ओलमा ने भाग लिया। मौलाना गुलाम रजा, मौलाना इब्ने अली वाइज, मौलाना अली अमीर रिजवी, मौलाना मुमताज जाफर मौलाना सरकार हुसैन, मौलाना इस्तेफा रजा, मौलाना शबाहत हुसैन, मौलाना शादाब रिजवी, मौलाना इफ्तिखार हुसैन इन्कलाबी, मौलाना अबुल फजल, मौलाना हसनैन बाकरी, मौलाना जव्वार हुसैन के अलावा अन्य ओलमा ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।