अमित शाह के बयानों से झलकती है जातिवादी मानसिकता: मायावती
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने बसपा को ‘नोट छापने की मशीन’ बनाये जाने के भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के आरोप को घोर जातिवादी और ईर्ष्यापूर्ण मानसिकता की निशानी करार दिया है।
मायावती ने आज यहाँ आयोजित पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों तथा वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि बसपा को नोट छापने वाली मशीन बना दिये जाने का भाजपा का आरोप घोर जातिवादी व ईर्ष्यापूर्ण मानसिकता का द्योतक है।
उन्होंने कहा कि बसपा ने बहुजन समाज को ‘लेने वाले’ से ‘देने वाला’ समाज बनाया। पार्टी उन्हीं के थोड़े-थोड़े आर्थिक सहयोग से अपने मानवतावादी अभियान को लगातार आगे बढ़ा रही है, जबकि खासकर भाजपा, कांग्रेस और उनकी सरकारें बड़े-बड़े पूंजीपतियों से धन लेने के कारण उनकी गुलामी करती हैं। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कल मऊ में अतिपिछड़ा-अतिदलित भागीदारी जागरूकता महापंचायत में बसपा मुखिया मायावती पर अपनी पार्टी को नोट छापने की मशीन बना देने का आरोप लगाया था।
बसपा अध्यक्ष ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, दलितों, पिछड़ों तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों में से खासकर मुस्लिम और ईसाई समाज के लोगों के हितों के खिलाफ तथा पूंजीपतियों के लिये ही काम करने की वजह से अपनी विश्वसनीयता खोती जा रही है। इसी वजह से विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनावों में उसकी लगातार हार हो रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी ने पिछले दो वर्षों में विदेश भ्रमण कर अपनी ‘इमेज मेकओवर’ को जितना महत्व दिया है उससे भी स्पष्ट होता है कि उन्हें देश की ज्वलन्त समस्याओं जैसे बढ़ती महंगाई, ग़रीबी, बेरोज़गारी, सड़क, बिजली, पानी, सूखा तथा बाढ़ आदि को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने की कितनी चिन्ता है? उन्होंने कहा कि अगले साल विधानसभा चुनाव के बाद सूबे में बसपा की सरकार बनने पर ऐसे मामलों की जाँच कराकर दोषियों को दण्डित किया जायेगा।
बसपा मुखिया ने बैठक में पार्टी की ज़मीनी स्तर पर जारी गतिविधियों, हर स्तर पर चुनावी तैयारियों एवं सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के मिशनरी कार्यों की गहन समीक्षा की और विशेष दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने पार्टी की ज़मीनी तैयारियों तथा पार्टी प्रत्याशियों की लगन और मेहनत पर संतोष व्यक्त किया।