कभी मोदी के घोर आलोचक रहे एमजे अकबर को भी मिला मंत्री पद
नई दिल्ली : वरिष्ठ पत्रकार एमजे अकबर को नरेंद्र मोदी सरकार में अल्पसंख्यक चेहरे के तौर पर स्थान दिया गया है। मीडिया जगत में 'लंबी पारी' खेलने वाले एमजे साल 2014 के लोकसभा चुनाव के पहले ही बीजेपी से जुड़े। एमजे अकबर बीजेपी प्रवक्ता हैं और इस समय मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं।
देश के प्रमुख अखबारों और पत्रिकाओं में संपादकीय जिम्मेदारी संभाल चुके एमजे कई पुस्तकें भी लिख चुके हैं, जिसमें जवाहर लाल नेहरू की जीवनी 'द मेकिंग ऑफ इंडिया', कश्मीर पर आधारित 'कश्मीर: द मेकिंग ऑफ वेल', 'इंडिया: द सीज विदिन', 'टिंडर बॉक्स: द पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान', 'रॉयट आफ्टर रॉयट', , 'ब्लड ब्रदर्स: अ फैमिली सागा', 'बाइलाइन' और "दि शेड ऑफ स्वॉर्ड्स" शामिल हैं।
65 वर्षीय एमजे अकबर ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस पार्टी से की थी। बिहार की किशनगंज सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाला यह मृदुभाषी पत्रकार कांग्रेस का प्रवक्ता पद भी संभाल चुका है।
उल्लेखनीय है कि 2002 में गुजरात दंगों के बाद से लंबे समय तक एमजे अकबर भाजपा और खासकर उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी के प्रखर आलोचकों में गिने जाते थे। एमजे अकबर देश के उन गिनेचुने संपादक पत्रकारों में से कहे जा सकते हैं, जिन्होंने गुजरात दंगों में सरकार, मुख्यमंत्री की भूमिका और निर्णय लेने के तौर-तरीकों पर भी सबसे कड़े सवाल किए थे।