उत्तराखंड में बरसने लगी मौत
बारिश व बादल फटने से अब तक 30 की मौत
देहरादून। मानसून शुरू होते ही देवभूमि उत्तराखंड से बुरी खबरें आनी शुरू हो गई हैं। ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त बना है। नदी पर जगह-जगह बने अस्थायी पुल बह गए हैं। उत्तराखंड में बारिश व बादल फटने से भारी तबाही हुई है। अब तक 30 लोगों की मौत की खबर आई है। कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। अलकनंदा व मंदाकिनी नदियों सहित तमाम नदियां ऊफान पर हैं। नदियों के किनारे बसी बस्तियों में लोगों को अलर्ट किया गया है। चार धाम यात्रा जगह जगह बाधित हुई है।
श्रीनगर गढ़वाल के ऊपरी जनपदों में हो रही बारिश से नगर में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ गया है। अलकनंदा का जलस्तर इस समय 534.04 मीटर है जबकि 535 मीटर पर खतरे की चेतावनी का जलस्तर है। फिलहाल अलकनंदा नदी खतरे के निर्धारित निशान 536 मीटर से दो मीटर बह रही है। अलकनंदा के बढ़े हुए जलस्तर से पानी तटबंधों को छूने लगा है जबकि जलविद्युत परियोजना के बांध से भी पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। दूसरी तरफ नगर क्षेत्र में गर्मी से राहत पाने के लिए जनता को बारिश का इंतजार है।
डेढ़ महीने बाद ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने से विद्यालय भी खुल चुके हैं। सीमित ट्रॉलियां होने के कारण बच्चों को समय से पहले ही स्कूल के लिए घरों से निकलना पढ़ रहा है अर बारिश में खड़े होकर प्रतीक्षा करना पड़ रहा है। कई जगह पहाड़ी से पत्थरों के गिरने से लंबा जाम लग रहा है। देवप्रयाग के पास भूस्खलन हुआ है जिससे बद्रीनाथ-ऋषिकेश हाइवे को बंद कर दिया गया है। चार धाम यात्रा जगह जगह ठप है।
उत्तराखंड में सीमांत पिथौरागढ़ जिले के दुर्गम डीडीहाट विधानसभा के बस्ताडी क्षेत्र में बादल फटने से तीन बच्चों समेत 5 की मौत और 25 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर आई है। बादल फटने के बाद भूस्खलन से 8 मकान ध्वस्त हो गए हैं। पिथौरागढ़ में जन जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त है। कई घरों में मलबा घुस चुका है जबकि कई घर बह गए हैं। जिला प्रशासन सीमित संसाधनों के साथ राहत कार्यों में जुटा है। हालात संभालने के लिए सेना बुलाई गई है। घटनास्थल का जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क और टेलीफोनिक संपर्क टूटने के चलते राहत पहुंचने में विलंब हो रहा है। घटनास्थल के लिए धारचूला व अल्मोड़ा से एसडीआरएफ की टीमें भेजी गई हैं।
पिथौरागढ़ के बस्टाडी में भी बादल फटा है। यहां कई लोगों के घायल होने की सूचना है। चमोली में भी भारी बारिश हुई है। चमोली में बादल फटने से 9 लोगों की मौत हो गई है। नंदाप्रयाद में जनस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। घाट क्षेत्र में 6 लोगों के दबने की सूचना है। चमोली जिले के घाट विकासखंड में मंदाकनी नदी में बाढ़ आने से 7 लोग लापता हुए हैं। 6 से अधिक आवासीय भवन भी बहे हैं। कई मवेशी भी लापता बताए जा रहे हैं। 2013 में आई राज्य में भयंकर तबाही के दौरान भी यही इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे।
गोपेश्वर के पास सिरो में 2 लोग मलबे में दबने से मर गए। डीएम ने यहां 4 लोगों के मरने की पुष्टि की है। हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारी बारिश से राष्टीय राजमार्ग कई जगह बंद हो चुका है। मंदाकनी नदी पर जगह-जगह बने अस्थायी पुल बहने से रुद्रप्रयाग में बच्चों को जान जोखिम में डालकर ट्रॉलियों से आवागमन करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने उत्तराखंड के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ ही छिटपुट स्थानों खासतौर पर नैनीताल, उधमसिंह नगर और चंपावत जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान भारी वष्रा की चेतावनी दी है। यहां मौसम केंद्र द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में, नैनीताल, उधमसिंहनगर, चंपावत, अल्मोडा, पौडी, हरिद्वार, देहरादून और टिहरी जिलों में शुक्रवार सुबह से 72 घंटों के दौरान कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश तथा अन्य पांच जिलों में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर संबंधित जिला प्रशासन को मुस्तैद रहने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।