वेतन अायोग की सिफारिशों से नाराज़ केंद्रीय कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को बुधवार को मंजूरी दे दी। लेकिन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारी नाराज है और उन्होंने इसे लेकर हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। 11 जुलाई से 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों ने बेमियादी हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
इस हड़ताल में रेलवे के कर्मचारी भी शामिल होंगे। 42 साल बाद ऐसा होगा जब रेलवे के कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर जाएंगे। केंद्रीय कर्मचारियों के बेमियादी हड़ताल पर जाने से कई मंत्रालयों का कामकाज ठप पड़ सकता है तो दूसरी तरफ रेलवे सेवा भी प्रभावित हो सकती है। क्योंकि रोजाना रेल से देश में लाखों लोग सफर करते हैं।
मालूम हो कि केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशननधारकों के लिए एक बड़े तोहफे के तौर पर मंत्रिमंडल ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दी। वेतन आयोग ने अपनी रपट में वेतन-भत्तों आदि में कुल मिलाकर 23.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।
वित्त मंत्री अरण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक के तुरंत बाद ट्वीटर पर एक संदेश में कहा, ‘केंद्र सरकार के अफसरों, कर्मचारियों और पेंशनधारकों को सातवें वेतन आयेाग के जरिए उनके वेतन और भत्तों में ऐतिहासिक वृद्धि के लिए बधाई।’ पर फौरन यह पता नहीं चल पाया कि मंत्रिमंडल ने जो निर्णय किया है उसमें करीब 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 58 लाख पेंशनधारकों के लिए वेतन आयोग की सिफारिशों में सरकार की ओर से कोई और बढोतरी की गयी है। कैबिनेट ने एक जनवरी 2016 से सिफारिशें लागू करने की मंजूरी दी है।
वेतन आयोग ने पिछले साल नवंबर में प्रस्तुत अपनी रपट में कनिष्ठ स्तर पर मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सिफारिश कर थी जो पिछले 70 साल में किसी भी केंद्रीय वेतन आयोग द्वारा सुझायी गयी न्यूनतम वृद्धि है। छठे वेतन आयोग ने वेतन भत्तों में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी का सिफारिश की थी जिसे सरकार ने 2008 में लागू करते समय दोगुना कर दिया था।