कैराना की हकीकत जानने वाले संतों की जान को खतरा!
अाचार्य प्रमोद ने योगी अदित्यनाथ अऊर गिरिराज की ओर इशारा किया
नई दिल्ली। कैराना मामले में यूपी सरकार को रिपोर्ट सौंपने वाले संतों ने जान का खतरा बताया है। टीम के सदस्य आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ पर उंगली उठाई है। कल्कि पीठाधीश्वर और जाने माने धर्म प्रचारक आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आरोप लगाया है कि उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है और जान से मारने धमकी का इशारा बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ और गिरिराज सिंह की तरफ है।
बकौल प्रमोद कृष्णम ये धमकी उन्हें इसलिए मिली है क्योंकि वो कैराना पलायन की हकीकत जानने गए संतों की टीम का हिस्सा थे। उन्होंने ये भी बताया कि मुझे पुलिस से पता चला है कि जिन लोगो ने मुझे फोन कर बम से उड़ाने की धमकी दी है उनको योगी आदित्य नाथ और गिरी राज किशोर का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस को उनके खिलाफ करवाई करनी चाहिए।आरोपों के अनुसार इस रिपोर्ट के बाद संतों को धमकी भरे फोन आए और कहा गया कि कैराना मामले में जो रिपोर्ट उन्होंने सौंपी है उसका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें। इस बाबत आचार्य प्रमोद कृष्ण ने गाजियाबाद थाने में एफआईआर लिखवा दी है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बता दें कि कैराना के पलायन का सच जानने के लिए यूपी सरकार ने 5 संतों की टीम बनाई थी, इसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम, हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि, स्वामी कल्याण देव, नायारण गिरी और पूर्व जज स्वामी चिन्मयानंद शामिल थे। उसके बाद संतों की टीम ने 19 जून को कैराना जाकर लोगों से बात की और फिर अपनी रिपोर्ट सीएम अखिलेश यादव और राज्यपाल राम नाइक को सौंपी थी।
सूत्रों के मुताबिक इस टीम संतों की टीम ने कैराना मामले पर रिपोर्ट को गोपनीय बताते हुए इस मामले को यूपी का माहौल खराब करने की खतरनाक साजिश करार दिया। टीम ने कहा कि कुछ लोग कैराना की बेहतरीन फिजा को खराब करना चाहते थे। सूत्रों के मुताबिक संतों की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैराना में धार्मिक अधार पर पलायन की बात बेबुनियाद है। कैराना में कोई सांप्रदायिक मामला नहीं, बल्कि रंगदारी है जिस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बीजेपी सांसद हुकुम सिंह को जनता और प्रशासन के बीच कड़ी के तौर पर काम करना चाहिए था।