लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ब्राउन हाल में छत्रपति शाहूजी महाराज स्मृति मंच द्वारा आयोजित छत्रपति शाहूजी महाराज जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा एवं चित्र पर पुष्प अर्पित करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज ने समाज को शिक्षित करने का जो कार्य किया उसकी तुलना नहीं की जा सकती। छत्रपति शाहूजी महाराज ने शोषित समाज के लिए शिक्षा की व्यवस्था के साथ-साथ लड़कियों के लिए निःशुल्क शिक्षा की भी व्यवस्था की। छत्रपति शाहूजी महाराज शिक्षा के क्षेत्र में दीप स्तम्भ की तरह है। राज्यपाल ने कहा कि छत्रपति शाहूजी महाराज के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि शिक्षा का ज्यादा से ज्यादा प्रसार हो।
राज्यपाल ने कहा कि कोल्हापुर का विशेष स्थान है। छत्रपति शाहूजी महाराज ने कोल्हापुर में महिला शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान किये। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भी कोल्हापुर से आती हैं। दूरदर्शी होने के कारण छत्रपति शाहूजी ने शिक्षा, महिला उत्थान तथा शिक्षा के प्रकाश को घर-घर पहुँचाने के लिए राज्य के खजाने खोल दिये थे। शिक्षा के कारण ही कोल्हापुर कृषि के क्षेत्र में भी आगे है। उन्होंने कहा कि शाहूजी महाराज ने शिक्षा का जो पौंधा लगाया था अब वह वट वृक्ष हो गया है।
श्री नाईक ने बताया कि जिस रियासत के छत्रपति शाहूजी महाराज राजा थे उसी रियासत के छोटे से गांव में उनकी पैदाइश हुई थी। शाहूजी महाराज पहले राजा थे जिन्होंने 1902 में सामाजिक समरसता एवं बराबरी देने के लिए आरक्षण की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि पिछड़ों को आगे लाने के लिए संकल्प की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने बताया कि गत वर्ष वे इसी कार्यक्रम में 26 जुलाई को आये थे। उत्तर प्रदेश में छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म दिवस 26 जुलाई को मनाया जाता था जबकि महाराष्ट्र में 26 जून को मनाया जाता है। इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार को उन्होंने एक पत्र भेजकर प्रमाणिक तिथि बताने का अनुरोध किया था। जिस पर महाराष्ट्र सरकार ने ऐतिहासिक रूप से प्रमाणिक तिथि 26 जून को ही छत्रपति शाहूजी महाराज का जन्म दिवस होने की पुष्टि की। राज्यपाल ने छत्रपति शाहूजी महाराज की प्रतिमा के नीचे लगे शिलापट्ट पर अंकित जन्म तिथि सही कराने के लिए कुलपति से संबंधित को निर्देशित करने की बात कही।
डाॅ0 निर्मल ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शाहूजी महाराज ने सामाजिक न्याय का आन्दोलन चलाया तथा अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को आरक्षण की व्यवस्था दिलायी। सम्मानजनक जीवन जीने के अनेक निर्णय लेते हुए समाज के पिछडे़ लोगों को आगे बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि शाहूजी महाराज वास्तव में समाज सुधारक थे।