डाक्टरो ने बीमार मजदूर को अस्पताल से निकाला
सरकार के मज़दूरो की बीमारी में ईलाज के सारे दावे हुए बेकार !
"नाम- बनवारी रावत उम्र- 40 वर्ष पता- ग्राम- उमरा भीटा थाना- बघौली,जिला- हरदोई"
बचपन में ही पिता टी0बी0 कि बीमारी से इलाज के अभाव में गुजर गये ! मुसीबत में मां ने गाँव के ठाकुर से थोडे-2 कर के कुल 6000 कर्ज लिया जिसके एवज में बनवारी उनके यहाँ रोज काम करता था ! अचानक बीमार हो जाने के कारण वो काम पर ना जा सका जिस पर ठाकुर लोग घर पर आके गाली देते और मारते पिटते थे और अपने 6000 हजार रु का ब्याज 30 हजार रु हो गया है बताने लगे और बोले कि कल चलकर अपना खेत हमें लिख देना नही तो मार डालेंगे और अगले दिन जबरन ले जाकर 2 बीघा खेत लिखवा लिये ! चाचा लोग रोज लडाई झगडा करते थे और एक दिन घर पर कब्जा कर लिये ! बी0पी0एल0 कार्ड पर राशन भी नही मिलता था! मां अपने मायके में बीमारी के हलात में किसी तरह अपना पेट पाल रही है ऐसे समय में पत्नि दो बच्चो को छोडकर दूसरे के साथ चली गयी ! लडके को अपने और पराये सभी मांग रहे थे इसलिए लडके को दे दिया 4 साल कि लडकी को अपने साथ रखा है ! पहले थोडे बहुत काम भी कर लेता था अब तो कुछ नही कर पाता इसलिए यहा लेबरमंडी में हू! कोई कुछ दे देता है तो खा लेता हू नही तो वैसे हि रहता हू! चार दिन पहले सामाजिक कार्यकर्ता अमित मिश्रा ने इलाज के लिए लोकबंधु आशियाना में भर्ती कराया जहा पर डा0 ने 25 जून की रात में उसे ये कहकर निकाल दिये कि तुम्हारे साथ कोई नही है तुम्हारा मलमूत्र कौन फेकेगा इसलिए तुम्हारा आपरेशन नही हो सकता और ये अस्पताल है यहा फालतू नही रुक सकते ये कह कर निकाल दिया ! रात भर गेट पर पडा था सुबह किसी तरह फिर लेबरमंडी में आ गया !