सऊदी में फंसे भारतीय कामगार
पीएम मोदी से लगाई ‘एयरलिफ्ट’ की गुहार
नई दिल्ली: विदेश में नौकरी की तलाश में सऊदी अरब गए दिल्ली सहित अन्य राज्यों के नागरिक वहीं फंस कर रहे गए हैं। इनमें कुछ नागरिक ऐसे हैं जो सालों से वहां काम कर रहे हैं जबकि कुछ ऐसे हैं जो हाल में ही वहां पहुंचे थे। सऊदी अरब से व्हाट्सअप के जरिए आए वीडियो संदेश में ये नागरिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सऊदी अरब के अलकोबर शहर में फंसे भारतीयों में अधिकतर मजदूर हैं। ये काम के लिए गए थे। इन कर्मचारियों के परिजनों ने दिल्ली स्थित सामाजिक संस्था साउथ एशियन फॉरम ऑफ पीपुल्स अगेंस्ट टैरर को संपर्क कर केन्द्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाने का अनुरोध किया है।
संगठन के अध्यक्ष अशोक रंधावा ने बताया कि सऊदी अरब में फंसे मजदूरों में दिल्ली के रिछवाल सिंह की पत्नी ने संस्था से संपर्क कर यह मामला उठाया है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर भारतीय वहां की अल लिडेन और शाद कंपनी में कार्यरत हैं। दोनों की कंपनियों की वित्तीय हालत बिगड़ने के कारण कर्मचारियों का वेतन भुगतान बंद हो गया है। उन्हें पिछले छह-आठ महीने से वेतन नहीं मिला है। कंपनी की तरफ से वेतन नहीं दिए जाने और वीजा समेत दूसरे कागज जमा होने के कारण भारतीय नागरिक स्वदेश नहीं लौट पा रहे हैं। इनमें कुछ नागरिक ऐसे हैं जिन्हें गंभीर बीमारी भी है। बिहार के विश्वेश्वर प्रसाद कैंसर से पीड़ित हैं। अपने परिचितों को भेजे वीडियो में उन्होंने प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।
रंधावा ने बताया कि सऊदी अरब के अलकोबर में फंसे भारतीय पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केरल के रहने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक करीब दो सौ भारतीय नागरिक अलकोबर की दो कंपनियों में कार्यरत थे। इनमें से ज्यादातर वहीं फंसे हुए हैं। अलकोबर में फंसे भारतीय कामगारों की मानें तो उन्हें महीनों से न तो वेतन मिल रहा है न ही बीमार होने पर कोई मेडिकल की सुविधा। कंपनियों के रवैए के खिलाफ भारतीय मजदूर धरने पर बैठे हैं,लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अलकोबर में फंसे कामगारों में कुछ नागरिक पाकिस्तान के भी शामिल हैं।
रंधावा ने बताया कि सोमवार को सऊदी अरब में फंसे भारतीय मजदूरों के परिजन जंतर-मंतर पर जुटेंगे। इस दौरान सऊदी में फंसे भारतीय नागरिकों की स्थिति को एक बड़ी स्क्रीन पर वीडियो के जरिए दिखाया जाएगा। इसके बाद परिजन स्वराज से मिलने जाएंगे। परिवारों की तरफ से उन्हें ज्ञापन सौंपकर वह सऊदी में फंसे भारतीय नागरिकों को भारत लाने की गुहार लगाएंगे।