कैराना पर भाजपा बहस को तैयार: विजय बहादुर पाठक
लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा पार्टी को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कैराना के पलायन पर बहस की चुनौती स्वीकार है। प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सूची को सरासर गलत बता रहे मुख्यमंत्री उन कारणों और तर्को की ओर भी ध्यान दे जिनके कारण कैराना में पलायन की परिस्थितियां बनी।
सोमवार को पार्टी मुख्यालय पर पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा कैराना से पलायन करने वाले सूची पर बहस की चुनौती पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कर लें बहस किस फोरम पर करना चाहते है ? क्या कैराना में खराब कानून व्यवस्था के कारण लगातार स्थितियां खराब नहीं हो रही है। रंगदारी से लेकर के छेड़छाड़ के कारण परिवार दहशत में आकर पलायन को मजबूर नहीं हुए। मुख्यमंत्री सूची पर बहस कर रहे है किन्तु कारणों पर भी बहस करलें।
उन्होंने कहा कैराना पलायन प्रकरण पर पार्टी का निष्कर्ष है कि सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में वर्ग विशेष के अपराधियों के दहशत से परिवारों के पलायन हुए है पुलिस और प्रशासन के संरक्षण में सुरक्षा के साथ पुर्नवास सुनिश्चित किया जाना चाहिए। पलायन के जिम्मेदार अधिकारियों कठोरतम संदेशयुक्त कार्यवाही की जानी चाहिए। बड़े पैमाने पर रंगदारी शिकायते है, जिसके कारण व्यापार से लेकर आम जन जीवन भी लोगों का प्रभावित हो रहा है।
श्री पाठक ने कहा कि बेहतर होता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बहस की चुनौती देने के बजाय अपराध से कराह रहे उ0प्र0 विशेष कर कैराना सुरक्षा बहाली के उपायों पर चर्चा करते, अधिकारियों को सख्त निर्देश देते कि अपराधी और अराजक तत्वों पर कठोर कार्यवाही हो, चाहे वो किसी समुदाय से सम्बन्ध रखते हो। यह किसी जाति से संबन्ध रखते हो अथवा किसी दल विशेष से सम्बन्ध रखते हो। पर यहां तो राज्य का प्रशासन अपराधी को अपराधी मानने से पहले इन सारी चीजों का परिक्षण करता है और नतीजा हम सबके सामने है, चार वर्षो में सरकार कानून व्यवस्था के ठीक होने के दावे पर दावे कर रही है किन्तु प्रदेश में जंगल राज है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा मुख्यमंत्री कुर्तकों से बचाव करते हुए तर्क दे रहे है कि दिल्ली में कहां-कहां से पलायन कर लोग आ रहे है ये भी देखा जाना चाहिए। किन्तु वे राजनीतिक कारणों से यह कदापि स्वीकार नहीं कर रहे है कि कैराना में अपराध के कारण भय व आतंक फैलाकर रंगदारी वसूली के कारण पलायन कारण है। अब तो मुख्यमंत्री के बयान के बाद कैराना में अराजक तत्व उन लोगों को भी धमकाने में जुट गये है जो वहां पर रंगदारी और वसूली के खिलाफ कुछ कहने की हिम्मत जुटा पा रहे है।