NSG पर चीन ने फिर दिया भारत को झटका
कहा, सियोल बैठक के एजेंडे में नहीं भारत को सदस्यता दिए जाने का मुद्दा
नई दिल्ली: चीन ने सोमवार को कहा है कि इसी सप्ताह दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में होने वाली 48-सदस्यीय न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की बैठक के एजेंडे में भारत की सदस्यता का मुद्दा नहीं है। इस बयान से साफ संकेत मिल रहे हैं कि भारत को एनएसजी में शामिल किए जाने को लेकर ग्रुप के सदस्यों के बीच मतैक्य नहीं बन पाया है।
चीन का यह बयान हैरान करने वाला है, क्योंकि भारत की विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को ही कहा था कि चीन इस ग्रुप में भारत की सदस्यता के खिलाफ नहीं है, और यह सिर्फ प्रक्रिया का मुद्दा है।
चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत की सदस्यता को लेकर चर्चा भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर की पिछले सप्ताह हुई चीन यात्रा के दौरान भी जारी रही थी, लेकिन चीन ने बता दिया है कि इस मुद्दे पर और चर्चा किए जाने की ज़रूरत है। एस. जयशंकर ने विदेशमंत्री वान्ग यी से मुलाकात कर भारत को एनएसजी सदस्यता दिए जाने की वकालत की थी, लेकिन अब साफ है कि चीन सहमत नहीं हुआ।
48 देशों का समूह एनएसजी परमाणु तकनीक को नियंत्रित करता है, जिसकी भारत को अपनी बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं के चलते ज़रूरत है। इस ग्रुप का उद्देश्य परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकना है, और इसका गठन भारत द्वारा वर्ष 1974 में किए गए पहले परमाणु परीक्षण की प्रतिक्रिया में किया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि ग्रुप के सदस्यों के बीच न सिर्फ भारत की सदस्यता को लेकर, बल्कि सभी गैर-एनपीटी सदस्यों को शामिल किए जाने को लेकर विचार अलग-अलग हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि एनपीटी ही परमाणु अप्रसार का आधार है, और चीन का मानना है कि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, "यह रवैया किसी खास देश के खिलाफ नहीं है| "