कैराना भेजे जाने वाले प्रमोद कृष्णन और आजम के रिश्ते जगजाहिर: रीता राॅय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कैराना का सच को जानने के लिये जिन साधू संतों से मदद मांगी जा रही है उस पर सवालिया निशान लगाते हुये अखिल भारत हिन्दू महासभा ने कहा है इसमें शामिल स्वामी चक्रपाणि और प्रमोद कृष्णन प्रदेश सरकार के नगर विकासमंत्री मोहम्मद आजम खान के खास मित्रों में है और वहीं स्वामी चक्रपाणि को हिन्दू महासभा के स्वयंभू राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हुये है, जबकि चक्रपाणि उर्फ राजेश श्रीवास्तव हिन्दू महासभा के सदस्य भी नहीं है। आज यहां उत्तर प्रदेश के मंत्री शिवपाल यादव की ओर कैराना भेजे जाने वाले संतों के नामों की घोषणा करने के बाद हिन्दू महासभा की उत्तर भारत मंत्री रीता राॅय ने प्रतिक्रया व्यक्त करते हुये करते हुये कहा है कि प्रमोद कृष्णन और मोहम्मद आजम खान के रिश्ते जगजाहिर है, और प्रमोद कृष्णन हमेशा मुस्लिम संगठनों के कार्यक्रमों में भाग लेते रहे है, और वहीं अपने आप को संत कहने वाले स्वामी चक्रपाणि उर्फ राजेश श्रीवास्तव को प्रदेश सरकार के मंत्री शिवपाल यादव ने आज अपनी पत्रकार वार्ता में बता रहे थे कि प्रतिनिधि मण्डल में कोई भी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं है, और स्वामी चक्रपाणि को हिन्दू महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष है, इस पर हिन्दू महासभा की नेत्री सुश्री राॅय ने कहा कि हिन्दू महासभा देश का एकमात्र हिन्दू राजनैतिक दल है और वर्तमान में पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर विवाद चल रहा है और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी अपने निर्णय में स्वार्मी चक्रपाणि को राष्ट्रीय अध्यक्ष तो दूर उसे पार्टी का सदस्य तक भी नहीं माना है। ऐसी स्थिति प्रदेश सरकार के जिम्मेदारी मंत्री की ओर स्वामी चक्रपाणि को हिन्दू महासभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताना यह सिद्ध करता है कि प्रदेश सरकार की ओर से कैराना जाने वाले साधू संत का यह प्रतिनिधि मण्डल किस तरह की रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। सुश्री राॅय ने कहा कि हिन्दू महासभा के नाम पर अनेक लोगों ने अपने आपको स्वयम्भू अध्यक्ष घोषित कर रखा है जिसके सन्दर्भ में दिल्ली उच्च न्यायलय में वाद संख्या 745/2014 बाबा नन्द किशोर मिश्र बनाम श्री दिनेश चन्द्र त्यागी वगैरह लंबित है । अंतरिम आदेश में उच्च न्यायलय ने भारत के निर्वाचन आयोग ने किसी भी व्यक्ति को स्वयंभू अध्यक्ष मानने से मना कर दिया है। हिन्दू महासभा की संवैधानिक व्यवस्था के अंतर्गत तदर्थ कार्यकारिणी कार्य कर रही है जिसके राष्ट्रीय अध्याक्ष आचार्य रमेश मिश्र, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बाबा नन्द किशोर मिश्र, राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ संतोष राय, राष्ट्रीय महामंत्री आचार्य मदन सिंह एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता राकेश आर्य इत्यादि द्वारा संचालित हैं। अदालत के निर्णय के पश्चात यह तदर्थ कार्यकारिणी स्वतः समाप्त हो जाएगी और न्यायालय के देख.रेख में पुनः संगठन का चुनाव होगा । सुश्री राॅय ने कहा कि सभी को यह भी पता है कि जब साधुओं कि अखाड़ा परिषद् ने चक्रपाणी को साधू मानने से मना कर दिया तो चक्रपाणी ने एक संत सभा नाम का संगठन खड़ा किया और फर्जी लोगों को साधू संत का प्रमाण पत्र देने लगे। चक्रपाणी का एक साथी है प्रमोद कृष्णन जो कि अपने को कल्कि पीठाधीश्वर कहता है उसके सम्बन्ध आजम खान और अन्य साम्प्रदायिक नेताओं से अच्छे हैं।