कैराना पर अफवाह फ़ैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो : माले
लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की राज्य इकाई ने कैराना को लेकर अफवाहबाजी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और प्रदेश सरकार से पूरे मामले पर अपना आधिकारिक पक्ष स्पष्ट करने की मांग की है।
आज यहां जारी एक बयान में पार्टी राज्य सचिव रामजी राय ने कहा कि कैराना, दादरी और जेएनयू के सीडी प्रकरण को लेकर फिर से सांप्रदायिक माहौल बनाने, मुजफ्फरनगर दोहराने और 2017 के उ.प्र. विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की फसल काटने की पूरी तैयारी चल रही है। हाल में इलाहाबाद में हुई भाजपा कार्यकारिणी की बैठक व रैली में नेताओं के बोल से इसकी पुष्टि होती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी राम मंदिर का मुद्दा गरमाने की फिराक में है, जैसा कि अयोध्या में हुई अवध प्रांत के इसके पदाधिकारियों की बैठक के नतीजों से लगता है।
माले नेता ने कहा कि राज्य सभा के उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को हाथ लगी विफलता और गुजरे दो साल में ‘अच्छे दिन’ न दिखा पाने में मोदी सरकार की असफलता से चिंतित संघ-भाजपा एक बार पुनः सांप्रदायिक कार्ड खेलकर उ.प्र. को अगले साल ‘जीतने’ की साजिश रच रही हैं। कैराना में एक समुदाय के परिवारों के हाल में पलायन का अफवाह फैलाना और फर्जी सूची जारी करने का ‘आलेख’ (स्क्रिप्ट) रचना संघ-भाजपा के बड़े ‘गेम प्लान’ का हिस्सा है।
राज्य सचिव ने कहा कि इतना सब कुछ दिखाई-सुनाई देने और कैराना का झूठ सामने आने के बाद भी प्रदेश की सपा सरकार कड़ी कार्रवाई करने के बजाय आंख मूंदकर और कान में तेल डालकर बैठी है। यह सपा-भाजपा के बीच चल रही नूरा-कुश्ती की वजह से है। यह नूरा-कुश्ती प्रदेश को तबाही की ओर ले जायेगी। प्रदेशवासियों को इससे सावधान रहना होगा।