न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन(एनएटी) समाधान से यूपी में उपलब्ध हो सकेगा सुरक्षित रक्त

लखनऊ: राॅश डायगनोस्टिक और किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ ने विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश में सुरक्षित रक्त उपलब्धता के लिए न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन टैक्नोलाॅजी(एनएटी) का एक साथ समर्थन किया।
रोगी की जान बचाने के लिए रक्त चढ़ाना उसकी सेहत के लिए काफी महत्वपूर्ण पहलू है। अपर्याप्त परिक्षित रक्त और असुरक्षित रक्त के कारण ट्रांसफ्यूजन ट्रांसमिसेबल इन्फेक्शन(टीटीआईएस) का खतरा बना रहता है जैसे कि एचआईवी, हैपेटाइटिस बी, सी इत्यादि। इसलिए मरीज की जिन्दगी के लिए इस प्रकार का रक्त काम में लेना काफी जोखिम भरा होता है। राॅश एनएटी समाधान दान किए गए रक्त को परीक्षित कर रक्त प्राप्त कर्ता को आईआईटीएस के जोखिम को कम कर सकता है।
इस अवसर पर डाॅ. संदीप सेेवलिकर, राॅश डायग्नोस्टिक इण्डिया के हेड मेडिकल एण्ड साइंटिफिक अफेयर्स ने कहा ‘‘मरीज के स्वास्थ्य पर हमें प्रमुख रूप से ध्यान केन्द्रित करना होगा। रक्त का महत्व किसी भी मरीज के लिए उसकी स्वास्थ्य की नींव समझा जाना चाहिए। तथापि कुछ जीवन रक्षक रक्त यह सिद्ध करते हैं कि या तो ट्रांसफ्यूजन प्रक्रिया को मजबूत गुणवत्ता जांच के तहत नहीं किया गया या फिर जो रक्त चढ़ाया गया है वह पूर्ण रूपेण सुरक्षित नहीं था। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास लोगों को यह बताना जरूरी है कि एनएटी परीक्षित रक्त काफी सुरक्षित होता है क्योंकि यह काफी जांचा परखा होता है। रक्त लेते समय यह पूछना जरूरी है कि क्या यह रक्त एनएटी परीक्षित है ताकि रक्त चढ़ाने के बाद रोगी की जान सुरक्षित रहे।
डाॅ. तुलिका चंद्रा, हैड आॅफ डिपार्टमेंट-डिपार्टमेंट आॅफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने इस अवसर पर अपनी टिप्पणी में कहा ‘‘ हमारा विभाग विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर राॅश डायग्नोस्टिक इण्डिया के साथ यह संदेश पूरे उत्तर प्रदेश में प्रचारित करना चाहता है। हमने त्वबीम छ।ज् ेवसनजपवद किंग जाॅज्र्स में वर्ष 2012 में स्थापित किया। हमें इस बात की खुशी है कि हम सैंकड़ो लोगों को असुरक्षित रक्त ट्रांसफ्यूजन के सम्पर्क में आने से बचा सके। इसके साथ ही एनएटी ने टीटीआई से रोगियों पर अपने इलाज के लिए पड़ने वाले आर्थिक खर्च कम कर राज्य और लोगों के अस्पताल में रहने वाले खर्च को कम किया है।‘‘
राॅश डाॅयग्नोस्टिक इण्डिया विभिन्न राज्यों में एनएटी समाधान उपलब्ध करवाने में अग्रणी रहा है इन राज्यों में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, केरल, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, मणिपुर, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र शामिल हैं। कम्पनी की इस टेक्नोलाॅजी को भविष्य में भारत के अन्य प्रांतों तक पहुंचाने की योजना है।
नेशनल एड्स कन्ट्रोल आॅर्गेनाइजेशन (एनएसीओ) द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश में एचआईवी केसेज की अधिकता ब्लड ट्रासफ्यूजन के कारण रही, यहां इस प्रकार के 361 केसेज दर्ज किए गए। विगत 17 महीनों में 2000 से भी अधिक मरीज ब्लड ट्रासफ्यूजन के कारण एचआईवी से ग्रसित हुए। इस चैंकाने वाले रहस्योद्घाटन के बाद राॅश डायग्नोस्टिक इण्डिया इन विट्रो डाॅयग्नोस्टिक उद्योग में अग्रणी बन गया और किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ इस विश्व रक्तदाता दिवस पर स्वस्थ्य रक्त ट्रांसफ्यूजन के महत्व पर आज चर्चा करने के लिए जुटे हैं।