‘उड़ता पंजाब’: फेसबुक पर छलका अनुराग बासु का दर्द
मुंबई। ‘उड़ता पंजाब’ फिल्म पर जारी संकट के बीच फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने फेसबुक पर अपना दर्द साझा किया है। उन्होंने अपने ऑफिशियल अकाउंट पर लिखा, सेंसरशिप पर सख्त रुख अपनाने के बाद झूठ और आरोपों से असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है। मैं ट्विटर पर पोस्ट नहीं लिख सकता हूं इसलिए फेसबुक पर लिख रहा हूं। मुझे कई बार सेंसर का सामना करना पड़ा है। पहली बार फिल्म ‘पांच’ के साथ ऐसा हुआ था। सभी यह मानते हैं कि फिल्म को सेंसर के द्वारा बैन किया गया था लेकिन सच ये है कि रिवीजनिंग कमेटी ने कुछ कट और डिस्क्लेमर्स के बाद फिल्म को पास कर दिया था। ब्लैक फ्राइडे बिना काट छांट के सेंसर में पास हो गई थी लेकिन कोर्ट ने इसपर रोक लगा लगा दी क्योंकि केस चल रहा था। आखिरकार जस्टिस सभरवाल ने इसे हरी झंडी दिखाई।’
फैंटम प्रॉडक्शन के संस्थापक ने कहा, ‘ब्लैक फ्राइडे’ के ज्यादातर हिस्से दर्शक देख सके। सिर्फ शिव सेना को हवाला देते हुए बनाए गए सींस को ही दबाव में हटाया गया। ‘गुलाल’ को सेंसर का सामना तो नहीं करना पड़ा लेकिन कुछ डायलॉग को म्यूट किया गया। यह प्रॉडक्शन में फंस गई थी। ऐंटी स्मोकिंग लोगो पर हमें स्वास्थ्य मंत्रालय से उलझना पड़ा। तत्कालीन सरकार के खिलाफ लड़ाई का हमारा फैसला उल्टा पड़ा और कोर्ट में हम केस हार गए।
पुरानी फिल्मों को लेकर अनुराग ने आगे कहा, ‘वाटर’ को शूट नहीं करने दिया गया और यह यूपीए सरकार के काल में नहीं हुआ था। वह वक्त था जब मैंने पहली बार श्री जेटली से मुलाकात की थी और तभी से उनका प्रशंसक रहा हूं लेकिन अपनी सभी लड़ाइयों में मैं कभी चुप नहीं रहा या मैंने ऐसा महसूस नहीं किया कि मुझे ब्लैकमेल किया गया। सभी लड़ाइयां एक निस्पक्ष रूप से लड़ी गई थीं लेकिन आज की लड़ाई इन सभी से काफी अलग है। इसमें ब्लैकमेल किया गया, झूठ का पुलिंदा तैयार किया गया। निहलानी चिट्ठी को लेकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कोई चिट्ठी हमें नहीं भेजी।
हमपर फिल्म की रिलीज में देरी को लेकर दबाव डाला जा रहा है और कट्स की बात को स्वीकार कर लेना स्ट्रैटिजी का हिस्सा है। उनका मुझपर लगाया गया आरोप कि मैंने AAP से पैसे लिए हैं, यह असली मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है ताकि एक फिल्ममेकर के अधिकार को राजनीतिक लड़ाई में बदला जा सके। मेरा निवेदन है कि किसी तरह की अफवाहों में शामिल न हों और असली ईमानदार मुद्दे अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्र विचारों के साथ खुद को जोड़ें। ना तो मैं AAP का सदस्य हूं और ना ही कांग्रेस का.. मैं खुद को किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं जोड़ता हूं। मैंने बिना फीस के किसी से भी ज्यादा फिल्में बनाई हैं और मैंने ऐसे पैसे नहीं लिए जिन्हें किसी ने कमाया न हो। शुक्रिया।