हरियाणा में फिर सुलगी जाट आरक्षण की आग
आंदोलन शुरू, आठ जिलों में धारा 144 लागू
चंडीगढ़/रोहतक: हरियाणा में एक बार फिर से आरक्षण की आग सुलगने लगी है। आंदोलनकारियों की मांग है कि सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिले। फरवरी में हुए जाट आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए लोगों पर दर्ज केस वापस लेने की मांग की जा रही है। साथ में उस दौरान मारे गए लोगों को मुआवजा और उनके परिवार वालों को सरकारी नौकरी देने की भी मांग है। आंदोलन रोहतक के जसिया गांव में हवन से शुरू हुआ। ऐसा ही प्रदर्शन हरियाणा के 15 जिलों में शुरू हो गया।
हर जिले में एक ही जगह पर प्रदर्शन की अनुमति दी गई है। इस बार पिछली बार की तरह उत्साह और भीड़ कम देखी जा रही है। जाट नेता अशोक बलहारा का कहना है कि खाप का समर्थन नहीं है, उसका असर है और गर्मी भी है, एक कारण लोग नहीं आए।
हरियाणा में फरवरी में जाट आंदोलन के कारण हुई हिंसा से सबक लेते हुए केंद्रीय पुलिस बल की 55 कंपनियां तैनात की गई हैं। उस दौरान न सिर्फ 30 जानें गई थीं बल्कि करीब 20 हजार करोड़ की संपत्ति का नुकसान भी हुआ था। बाद में जब खट्टर सरकार ने आंदोलनकारियों की मांग मान ली तो आंदोलन खत्म हो गया था। लेकिन हाइकोर्ट के स्टे के बाद से जाटों ने आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है।
पिछली बार आंदोलन में दुकानें जल जाने से व्यापारी सहमे हुए हैं। हालांकि पिछली बार की गलतियों से सबक लेते हुए सरकार पहले से सजग है। कई जगह इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। 8 जिलों में धारा-144 लगा दी गई है। हर जगह नाके पर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं। एसएसपी, रोहतक शशांक आनंद का कहना है कि पिछली गलतियों से सबक लेकर सुरक्षा पुख्ता की गई है।
हालांकि अब तक पूरे हरियाणा में जाट आंदोलन शांतिपूर्ण दिखाई दे रहा है लेकिन अगर प्रशासन की तरफ से थोड़ी सी भी ढील बरती गई तो कुछ भी हो सकता है।
जाट नेता यशपाल मलिक ने कहा है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वो अपने आंदोलन को दूसरे राज्यों में भी ले जाएंगे और उत्तर प्रदेश में 8 जून को, मध्य प्रदेश में 10 जून को और उत्तराखंड में 11 जून को प्रदर्शन करेंगे।
जाट आंदोलनकारियों का मानना है कि पिछली बार के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा से जाट समुदाय काफ़ी बदनाम हुआ था ऐसे में इस बार संयम रखते हुए उनका यह आंदोलन जारी रहेगा।
राज्य के आठ ज़िलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। रोहतक और सोनीपत में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS पर पाबंदी लगा दी गई है। जिन जिलों में धारा 144 लगाई गई है वे हैं- झज्जर, सोनीपत, रोहतक, पानीपत, हिसार, जींद, फ़तेहाबाद और कैथल। राज्य से गुज़रने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग और रेल लाइन के दोनों तरफ़ एक किलोमीटर तक धारा 144 लगाई गई है। इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के किसी जगह जमा होने पर रोक है।