मुंबई: भूमि सौदे में अनियमितता एवं अन्य आरोपों से घिरे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री एकनाथ खड़से ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। महाराष्ट्र खड़से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे। उनके साथ मौजूद महाराष्ट्र के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रावसाहब दानवे ने पत्रकारों को खड़से के इस्तीफा दिए जाने की जानकारी दी।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा उन्हें स्पष्ट रूप से कड़े संकेत दिए जाने के बाद उन्होंने इस्तीफे का फैसला किया। आलाकमान से उन्हें संदेश दे दिया गया था कि उनके पास इस्तीफा देने के सिवाय और कोई चारा नहीं बचा है क्योंकि उनके पद पर बने रहने से मंत्रालय की छवि खराब होगी जिसकी कमान भाजपा संभाल रही है। खड़से ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के आधिकारिक आवास ‘ वर्षा’ में उनसे मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंप दिया।
इससे पहले गुरुवार यानी 2 जून को फडणवीस पीएम नरेंद्र मोदी से मिले थे। यह मुलाक़ात दिल्ली में हुई थी। इससे पहले उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को खड़से के मामले पर रिपोर्ट सौंपी थी जिसके बाद फडणवीस ने कहा था कि इस मामले में पार्टी उचित कार्रवाई करेगी।
महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार में राजस्व मंत्री रहे खड़से सरकार में ‘नंबर दो ’ समझे जाते थे। वह पिछले कुछ समय से विभिन्न आरोपों का सामना कर रहे थे। ज़मीन घोटाले में खडसे का नाम आया था जिसके बाद उनके इस्तीफे की खबर आ रही है। खड़से एक जमीन सौदे में गड़बड़ी के अलावा मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर दाऊद इब्राहीम से फोन पर कथित बातचीत को लेकर विवादों में घिरे हैं।
बताया जा रहा है कि एक प्लॉट खरीदी में गलत स्टाम्प ड्यूटी भरने का मामला प्रकाश में आया है और इस बात को लेकर विपक्षी दलों के साथ-साथ पार्टी के भी कई सांसद और नेता खड़से से नाराज हैं। जानकारी के अनुसार एकनाथ खड़से ने अपने पत्नी के नाम पुणे जिले के भोसरी एमआईडीसी में एक प्लाट खरीदा और इसकी स्टाम्प ड्यूटी गलत तरीके से भरी। इस मामले में वह अब घिरते जा रहे हैं। न केवल विपक्षी कांग्रेस और राकांपा बल्कि सरकार की घटक पार्टी शिवसेना ने भी मांग की थी कि खडसे को कैबिनेट से निकाला जाए।
इसी के चलते राज्य सरकार और पार्टी पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है। पार्टी सांसद और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने कहा है कि खड़से पर पार्टी जल्द फैसला लेगी। खड़से पर पहले भी जलगांव में गलत तरीके से सरकारी जमीन खरीदने का गंभीर आरोप लग चुका है।