मथुरा हिंसा : हथियारों का ज़खीरा मिलने से मुख्य्मंत्री भी हैरान
अबतक दो पुलिसवालों समेत 24 की मौत, 124 गिरफ़्तार, 66 उपद्रवी हिरासत में
मथुरा: मथुरा के जवाहर बाग में अतिक्रमण हटाने गए पुलिस वालों पर हुई फ़ायरिंग में घायल एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव की मौत हो गई। फायरिंग में 22 उपद्रवियों की भी मौत हुई है, जिनमें 11 की मौत आग में झुलसकर हुई है। इस घटना में 23 पुलिसवाले जख्मी हुए हैं, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हैं।
इस मामले पर बयान देते हुए राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मौके पर इतने हथियारों से सामना होगा यह अंदाजा पुलिस नहीं लगा पाई। पुलिस को उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
तकरीबन 280 एकड़ में फैले जवाहर बाग़ के कई हिस्सों में उपद्रवियों ने आग लगा दी, हालांकि अब जवाहर बाग़ को ख़ाली करा लिया गया है। अंदर से भारी मात्रा में हथियार मिले हैं।
इस मामले में 124 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है जबकि 366 उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है। मौक़े पर अतिरिक्त पुलिस बल को भेजा गया है। सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दोषियों की तत्काल गिरफ़्तारी और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मामले की जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।
बीजेपी ने इस मामले पर कहा कि जिस राज्य में पुलिस सुरक्षित नहीं वहां आम जनता का क्या होगा। जब से सपा सरकार में आई है तब से पुलिस की हालत खराब हो गई है। सपा ने यूपी की छवि गुंडाराज की बना दी है। क्या अखिलेश यादव को घटना की नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए।
वहीं सपा नेता शिवपाल यादव ने कहा कि जांच में कहीं कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। राजनीतिक दलों को लाशों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है कि मथुरा में हिंसा की घटना में हुई मौतों पर दुखी हूं। भगवान शोक में डूबे परिवारों को दुख सहने की शक्ति दे। मथुरा के मुद्दे पर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात कर स्थिति की समीक्षा की। मैंने उन्हें केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) एचआर शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर जवाबी कार्रवाई के तहत गोली चलाई।
मथुरा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि टकराव में पांच विरोधकर्ता और दो पुलिसकर्मी मारे गए। वहीं, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में फायरिंग की जांच के आदेश दिए है। जांच का जिम्मा आगरा के कमिश्नर प्रदीप भटनागर को सौंपा गया है। दरअसल, अपने को धार्मिक संगठन बताने वाले एक समूह के सदस्यों ने दो साल से अधिक समय से पार्क पर कब्जा कर लिया था। अदालत से आदेश के बावजूद पुलिस उन्हें अभी तक यहां से निकालने में विफल रही थी।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने घटना में शहीद थानाध्यक्ष के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को 20 लाख रूपये की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है।