मथुरा: अवैध कब्ज़ा हटाने गयी पुलिस टीम पर हमला, SHO की मौत
मथुरा। मथुरा में दो साल से ज्यादा समय से सरकारी भूमि पर कब्ज़ा जमाए बैठे लोगों से जवाहर बाग़ खाली कराने गई पुलिस टीम पर उपद्रवियों ने असलहों से हमला कर दिया। जवाब में पुलिस ने भी हवाई फायरिंग की। इस झड़प में एसएचओ संतोष यादव की मौत हो गई है जबकि एसपी सिटी सहित एक दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। क्षेत्र में स्थिति विस्फोटक हो गई है। कई जिलों से पुलिस बल मथुरा मंगा लिया गया है। एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी को गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती कराया गया है। तस्वीरें देखें
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने थानाध्यक्ष संतोष कुमार के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उनके आश्रितों के लिए 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने एडीजी (कानून व्यवस्था) को तत्काल मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी तथा उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने को कहा।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक दोनों तरफ से आमने-सामने की फायरिंग हुई। 280 एकड़ में फैले जवाहर बाग के कई हिस्सों से आग की लपटें उठ रही हैं। भीड़ ने देशी बम और हथगोले भी फेंके। जवाहर बाग उद्यान विभाग की संपत्ति है। झड़प के दौरान 4 से 5 सिपाहियों को उपद्रवियों द्वारा खींचकर ले जाने की भी खबर है।
इससे पहले मथुरा प्रशासन ने जवाहर बाग़ में रह रहे कब्ज़ाधारियों से बाग़ को खाली करने के लिए मुनादी कराई। इस मुनादी के विरोध में कब्जाधारियों ने प्रशासन पर निशाना साधते हुए अपनी तरफ से भी ऐलान शुरू कर दिया। प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जवाहर बाग़ को जल्द खाली कराने की बात कही।
प्रशासन का कहना है की हाईकोर्ट में कब्जा धारियों द्वारा एक याचिका वहां सत्यागृह करने की अनुमति देने के लिए डाली थी, जिसे उच्च न्यायलय ने ख़ारिज करते हुए इन लोगों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगा दिया। मथुरा के डीएम राजेश कुमार ने कहा कि जवाहर बाग सरकारी प्रॉपर्टी है। इस पर करीब 3 से 4 हजार लोगों ने अवैध कब्ज़ा कर रखा है।
दो वर्ष पहले सत्याग्रह करने के लिए दो दिन का समय ले कर यहां आये थे। स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह नाम के संगठन से जुड़े इन लोगों ने यहां कब्ज़ा जमा लिया। धीरे-धीरे 270 एकड़ की इस बेशकीमती जमीन पर बने बाग़, सरकारी ऑफिस और कर्मचारियों के आवास पर कब्ज़ा कर लिया गया।