विदेशों में उत्तर प्रदेश की छवि बनाने की जरूरत है
राज्यपाल से भारतीय राजनयिकों के प्रतिनिधिमण्डल ने भेट की
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से आज 9 विभिन्न देशों के राजदूतावासों में नियुक्त भारतीय राजनयिक (राजदूत/उच्चायुक्त) के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राजभवन में भेट की। भेट करने वालों में विनोद कुमार उज्बेकिस्तान, राजेश कुमार सचदेवा बुल्गारिया, अजय बिसारिया पोलैण्ड, सौरभ कुमार ईरान, इन्द्रमणि पाण्डेय ओमान, सुदर्शिनी त्रिपाठी जार्डन, सुशील कुमार सिंघल अंगोला, नगमा मलिक दारूसस्लाम एवं मनीष चौहान ताइवान आदि के राजदूतावासों में तैनात भारतीय राजनयिक थे। यह प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश में विदेशी सहयोग के माध्यम से विकास की संभावनाओं पर विचार करने के लिए तीन दिवसीय दौर पर उत्तर प्रदेश आया है। इस अवसर पर राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर, अप्रवासी भारतीय मामले के प्रमुख सचिव संजीव सरन, सचिव राज्यपाल चन्द्रप्रकाश एवं अप्रवासी भारतीय मामले की विशेष सचिव कंचन वर्मा सहित अन्य अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री राम नाईक ने भेट के दौरान कहा कि विदेशों में उत्तर प्रदेश की छवि बनाने की जरूरत है। पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, उद्योग एवं शिक्षा के क्षेत्र में यहाँ असीम संभावनाएं है। यह विचार करने की जरूरत है कि दूसरे देशों को अपने देश के विकास से कैसे जोड़ा जाये तथा ज्यादा से ज्यादा निवेश को किस तरह प्रदेश की ओर आकृष्ट किया जाये। ब्राडिंग से उत्तर प्रदेश को बहुत लाभ हो सकता है। आबादी के लिहाज से बडे़ होने के कारण उत्तर प्रदेश को बडे़ उपभोक्ता के रूप में देखा जा सकता है। प्रदेश के साथ-साथ लखनऊ की तस्वीर भी बदली है। देश की प्रगति के लिए उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश का दौरा करके अन्य क्षेत्रों में भी विकास की संभावनाएं तलाशें।
श्री नाईक ने कहा कि विदेशों में भारत के प्रति उत्सुकता है। प्रदेश में ताजमहल एवं गंगा को देखने प्रतिवर्ष विदेशी पर्यटक आते हैं। हमारा देश प्राचीनकाल से शिक्षा एवं आध्यात्म का केन्द्र रहा है। वर्तमान में प्रदेश में इलाहाबाद विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बी0एच0यू0 आदि में बड़ी संख्या में विदेशी छात्र अध्ययनरत हैं। उत्तर प्रदेश से प्रतिवर्ष आई0टी0 स्नातक शिक्षित हो रहे है जिनकी विदेशों में काफी मांग है। कौशल विकास से हम विदेशों के लिए अच्छी श्रम शक्ति तैयार कर सकते हैं। विदेशों में संस्कृत एवं हिन्दी के प्रति बहुत उत्साह है। उत्तर प्रदेश हिन्दी और संस्कृत को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नयी टेक्नोलॉजी के आधार पर बहुत संभावनाएं है।
राज्यपाल ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में जब वे पेट्रोलियम मंत्री थे तो उन्होंने अनेक देशों का भ्रमण किया। रूस के साथ पेट्रोल के क्षेत्र में करार कर निवेश किया तथा बाद में सूडान में भी 3400 करोड़ का निवेश किया जो देश के लिए बहुत लाभकारी रहा। दो वर्ष छः माह में ही पूरे निवेश के पैसे वापस आ गये तथा लाभ भी हुआ। उन्होंने कहा कि हमें समय के हिसाब से जो देश के लिए उचित हो ऐसे व्यापार के बारे में विचार करना चाहिए।
श्री नाईक के कहा कि विदेशों में अच्छे काम करके देश की प्रतिभा को और निखारें। विदेशों से सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाना चाहिए। विदेश में निवास करने वाले भारतीयों, अध्ययन हेतु गये विद्यार्थियों एवं व्यापारियों को वहाँ किसी प्रकार की कठिनाई न हो इस दिशा में भी प्रभावी कार्यवाही की आवश्यकता है। प्रदेश में ट्रेड फेयर का आयोजन नियमित अंतराल में होते रहना चाहिए, जिससे विदेशी उद्यमी अपना उद्योग प्रदेश में लगाने के लिए प्रोत्साहित हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विगत जनवरी में पहला एन0आर0आई0 डे आगरा में आयोजित किया गया जो बहुत ही सफल रहा।