रंगारंग कार्यक्रम में किर्गिज़ संस्कृति के दर्शन

राजकपूर की आवारा ने जब पूरे सोवियत संघ में धूम मचाई थी तो हमें इस काम के लिए अपने फ़िल्म उद्योग पर आज भी गर्व होता है लेकिन सोवियत संघ के टूटने के बाद उससे अलग हुए देशों में भारत की फ़िल्मों और संस्कृति के प्रति लगाव कम नहीं हुआ है। इसी पल को ख़ास बनाने के लिए भारत में किर्गिज़िस्तान के दूतावास और मनास एयर के रंगारंग कार्यक्रम से भारत और किर्गिज़ दोस्ती को मज़बूत बनाने पर ज़ोर दिया गया। भारत में किर्गिज़िस्तान के राजदूतावास ने एयर मनास और लार्क एविएशन के संयुक्त तत्वावधान में रंगारंग कार्यक्रम में इस आशय की जानकारी दी।
भारत में किर्गिज़िस्तान की राजदूत सुश्री समरगुल अदामकुलोवा ने बताया कि भारत और किर्गिज़िस्तान के बीच पर्यटन और व्यापार की असीमित संभावनाएँ हैं जिन्हें हम आगे बढ़ाना चाहते हैं और हम किर्गिज़िस्तान में भारत के पर्यटकों का स्वागत करते हैं। विश्व सांस्कृतिक खेल संगठन के उपप्रमुख ऐबक बाबाकुलोव ने बताया कि इसी क्रम में सितम्बर में किर्गिज़िस्तान की राजधानी बिश्केक में इस साल सितम्बर में होने वाले वर्ल्ड नोमोडिक गेम्स के लिए भी तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। हालांकि भारत इसमें नहीं खेलता है लेकिन भारत को इस खेल में जोड़ने की बात चल रही है।
किर्गिज़िस्तान के इस रंगारंग कार्यक्रम में वहाँ की कई सांस्कृतिक झलकियों को दिखाया गया जिसमें परम्परागत नृत्य और संगीत का उपस्थित लोगों ने आनंद लिया। किर्गिज़िस्तान की एक नागरिक असैल किज़ी ने कहाकि भारत के प्रति किर्गिज़िस्तान के लोगों में ज़बरदस्त दोस्ती का भाव देखा जाता है। लार्क एविएशन के महानिदेशक बेकतुरगान कालीबेक ने तो प्रेस से हिन्दी में बात की और सबको चौंका दिया। उन्होंने हिन्दी में कहाकि हम भारत से बहुत प्यार करते हैं। इतने रंग और उत्साह को देखकर तो यही लगा है कि भारत और किर्गिज़िस्तान के बीच संबंध काफ़ी मधुर हैं और इन्हें पर्यटनए नागरिक से नागरिक संबंध और वीज़ा ऑन अराइवल जैसी सुविधाएँ देकर प्रगाढ़ किया जा सकता है।